Sunday, July 3, 2011

वो मुझे मालूम हैं,वो तुझे मालूम हैं

यादे कितनी मन में मेरे /
                    वो मुझे मालूम हैं //

यादे कितनी मन में तेरे /
                  वो तुझे  मालूम हैं//

जिस दिल में बैठी हैं तू/
               नभ में मंच खड़ा हैं //

जो जितनी दिल दूर से /
             उतना ही वही बड़ा हैं //

उस दिल की सुन्दर मंदिर में /
             तेरा लघुतम चेहरा हैं //

मेरी सांसे करती रहती हैं /
     नित प्रिय का अभिनन्दन //

मेरे छोटे जीवन में /
            देना न तृप्ति का कण //

रहने दो प्यासी आँखे को/
                जो तुझे देखता रहे //

जो तुम्हारा हो सके /
              करलो हमसे आज //

खिल उठे मुस्कान तुम्हारी/
        मेरी चेहरा देख के आज //

हस उठे एक पल में नयन /
        धुल गया होंठो का प्यास //

छा गया जीवन में प्यार /
        प्यार अंगरायी की  साथ //



No comments:

Post a Comment