Thursday, August 4, 2016

साँप के डंक मारने का इलाज जरूर पढ़ें, पता नहीं कब आपके काम आ सकता है

दोस्तो सबसे पहले साँपो के बारे मे एक महत्वपूर्ण बात आप ये जान लीजिये ! कि अपने देश भारत मे 550 किस्म के साँप है ! जैसे एक cobra है ,viper है ,karit है ! ऐसी 550 किस्म की साँपो की जातियाँ हैं ! इनमे से मुश्किल से 10 साँप है जो जहरीले है सिर्फ 10 ! बाकी सब non poisonous है! इसका मतलब ये हुआ 540 साँप ऐसे है जिनके काटने से आपको कुछ नहीं होगा !! बिलकुल चिंता मत करिए !
लेकिन साँप के काटने का डर इतना है (हाय साँप ने काट लिया ) और कि कई बार आदमी heart attack से मर जाता है !जहर से नहीं मरता cardiac arrest से मर जाता है ! तो डर इतना है मन मे ! तो ये डर निकलना चाहिए !
वो डर कैसे निकलेगा ????
जब आपको ये पता होगा कि 550 तरह के साँप है उनमे से सिर्फ 10 साँप जहरीले हैं ! जिनके काटने से कोई मरता है ! इनमे से जो सबसे जहरीला साँप है उसका नाम है !
russell viper ! उसके बाद है karit इसके बाद है viper और एक है cobra ! king cobra जिसको आप कहते है काला नाग !! ये 4 तो बहुत ही खतरनाक और जहरीले है इनमे से किसी ने काट लिया तो 99 % chances है कि death होगी !
लेकिन अगर आप थोड़ी होशियारी दिखाये तो आप रोगी को बचा सकते हैं
होशियारी क्या दिखनी है ???
आपने देखा होगा साँप जब भी काटता है तो उसके दो दाँत है जिनमे जहर है जो शरीर के मास के अंदर घुस जाते हैं ! और खून मे वो अपना जहर छोड़ देता है ! तो फिर ये जहर ऊपर की तरफ जाता है ! मान लीजिये हाथ पर साँप ने काट लिया तो फिर जहर दिल की तरफ जाएगा उसके बाद पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! ऐसे ही अगर पैर पर काट लिया तो फिर ऊपर की और heart तक जाएगा और फिर पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! कहीं भी काटेगा तो दिल तक जाएगा ! और पूरे मे खून मे पूरे शरीर मे उसे पहुँचने मे 3 घंटे लगेंगे !
मतलब ये है कि रोगी 3 घंटे तक तो नहीं ही मरेगा ! जब पूरे दिमाग के एक एक हिस्से मे बाकी सब जगह पर जहर पहुँच जाएगा तभी उसकी death होगी otherwise नहीं होगी ! तो 3 घंटे का time है रोगी को बचाने का और उस तीन घंटे मे अगर आप कुछ कर ले तो बहुत अच्छा है !
क्या कर सकते हैं ?? ???
घर मे कोई पुराना इंजेक्शन (injection) हो तो उसे ले और आगे जहां सुई(needle) लगी होती है वहाँ से काटे ! सुई(needle) जिस पलास्टिक मे फिट होती है उस प्लास्टिक वाले हिस्से को काटे !! जैसे ही आप सुई के पीछे लगे पलास्टिक वाले हिस्से को काटेंगे तो वो injection एक सक्षम पाईप की तरह हो जाएगा ! बिलकुल वैसा ही जैसा होली के दिनो मे बच्चो की पिचकारी होती है !
उसके बाद आप रोगी के शरीर पर जहां साँप ने काटा है वो निशान ढूँढे ! बिलकुल आसानी से मिल जाएगा क्यूंकि जहां साँप काटता है वहाँ कुछ सूजन आ जाती है और दो निशान जिन पर हल्का खून लगा होता है आपको मिल जाएँगे ! अब आपको वो injection( जिसका सुई वाला हिस्सा आपने काट दिया है) लेना है और उन दो निशान मे से पहले एक निशान पर रख कर उसको खीचना है ! जैसी आप निशान पर injection रखेंगे वो निशान पर चिपक जाएगा तो उसमे vacuum crate हो जाएगा ! और आप खींचेगे तो खून उस injection मे भर जाएगा ! बिलकुल वैसे ही जैसे बच्चे पिचकारी से पानी भरते हैं ! तो आप इंजेक्शन से खींचते रहिए !और आप first time निकलेंगे तो देखेंगे कि उस खून का रंग हल्का blackish होगा या dark होगा तो समझ लीजिये उसमे जहर मिक्स हो गया है !
तो जब तक वो dark और blackish रंग blood निकलता रहे आप खिंचीये ! तो वो सारा निकल आएगा ! क्यूंकि साँप जो काटता है उसमे जहर ज्यादा नहीं होता है 0.5 मिलीग्राम के आस पास होता है क्यूंकि इससे ज्यादा उसके दाँतो मे रह ही नहीं सकता ! तो 0.5 ,0.6 मिलीग्राम है दो तीन बार मे आपने खीच लिया तो बाहर आ जाएगा ! और जैसे ही बाहर आएगा आप देखेंगे कि रोगी मे कुछ बदलाव आ रहा है थोड़ी consciousness (चेतना) आ जाएगी ! साँप काटने से व्यकित unconsciousness हो जाता है या semi consciousness हो जाता है और जहर को बाहर खींचने से चेतना आ जाती है ! consciousness आ गई तो वो मरेगा नहीं ! तो ये आप उसके लिए first aid (प्राथमिक सहायता) कर सकते हैं !
इसी injection को आप बीच से कट कर दीजिये बिलकुल बीच कट कर दीजिये 50% इधर 50% उधर ! तो आगे का जो छेद है उसका आकार और बढ़ जाएगा और खून और जल्दी से उसमे भरेगा !
तो ये आप रोगी के लिए first aid (प्राथमिक सहायता) के लिए ये कर सकते हैं !
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दूसरा एक medicine आप चाहें तो हमेशा अपने घर मे रख सकते हैं बहुत सस्ती है homeopathy मे आती है ! उसका नाम है NAJA (N A J A ) ! homeopathy medicine है किसी भी homeopathy shop मे आपको मिल जाएगी ! और इसकी potency है 200 ! आप दुकान पर जाकर कहें NAJA 200 देदो ! तो दुकानदार आपको दे देगा ! ये 5 मिलीलीटर आप घर मे खरीद कर रख लीजिएगा 100 लोगो की जान इससे बच जाएगी ! और इसकी कीमत सिर्फ पाँच रुपए है ! इसकी बोतल भी आती है 100 मिलीग्राम की 70 से 80 रुपए की उससे आप कम से कम 10000 लोगो की जान बचा सकते हैं जिनको साँप ने काटा है !
और ये जो medicine है NAJA ये दुनिया के सबसे खतरनाक साँप का ही poison है जिसको कहते है क्रैक ! इस साँप का poison दुनिया मे सबसे खराब माना जाता है ! इसके बारे मे कहते है अगर इसने किसी को काटा तो उसे भगवान ही बचा सकता है ! medicine भी वहाँ काम नहीं करती उसी का ये poison है लेकिन delusion form मे है तो घबराने की कोई बात नहीं ! आयुर्वेद का सिद्धांत आप जानते है लोहा लोहे को काटता है तो जब जहर चला जाता है शरीर के अंदर तो दूसरे साँप का जहर ही काम आता है !
तो ये NAJA 200 आप घर मे रख लीजिये !अब देनी कैसे है रोगी को वो आप जान लीजिये !
1 बूंद उसकी जीभ पर रखे और 10 मिनट बाद फिर 1 बूंद रखे और फिर 10 मिनट बाद 1 बूंद रखे !! 3 बार डाल के छोड़ दीजिये !बस इतना काफी है !
और राजीव भाई video मे बताते है कि ये दवा रोगी की जिंदगी को हमेशा हमेशा के लिए बचा लेगी ! और साँप काटने के एलोपेथी मे जो injection है वो आम अस्तप्तालों मे नहीं मिल पाते ! डाक्टर आपको कहेगा इस अस्तपाताल मे ले जाओ उसमे ले जाओ आदि आदि !!
और जो ये एलोपेथी वालो के पास injection है इसकी कीमत 10 से 15 हजार रुपए है ! और अगर मिल जाएँ तो डाक्टर एक साथ 8 से -10 injection ठोक देता है ! कभी कभी 15 तक ठोक देता है मतलब लाख-डेड लाख तो आपका एक बार मे साफ !! और यहाँ सिर्फ 10 रुपए की medicine से आप उसकी जान बचा सकते हैं !
और राजीव भाई इस video मे बताते है कि injection जितना effective है मैं इस दवा(NAJA) की गारंटी लेता हूँ ये दवा एलोपेथी के injection से 100 गुना (times) ज्यादा effective है !
तो अंत आप याद रखिए घर मे किसी को साँप काटे और अगर दवा(NAJA) घर मे न हो ! फटाफट कहीं से injection लेकर first aid (प्राथमिक सहायता) के लिए आप injection वाला उपाय शुरू करे ! और अगर दवा है तो फटाफट पहले दवा पिला दे और उधर से injection वाला उपचार भी करते रहे !
दवा injection वाले उपचार से ज्यादा जरूरी है !!
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तो ये जानकारी आप हमेशा याद रखे पता नहीं कब काम आ जाए हो सकता है आपके ही जीवन मे काम आ जाए ! या पड़ोसी के जीवन मे या किसी रिश्तेदार के काम आ जाए! तो first aid के लिए injection की सुई काटने वाला तरीका और ये NAJA 200 hoeopathy दवा ! 10 – 10 मिनट बाद 1 – 1 बूंद तीन बार
रोगी की जान बचा सकती है !!

शराब,सिगरेट,तंबाकू आदि नशा छोड़ने का सबसे बढ़िया आयुर्वेदिक और होमेओपेथी उपचार

मित्रो बहुत से लोग नशा छोडना चाहते है पर उनसे छुटता नहीं है !बार बार वो कहते है हमे मालूम है ये गुटका खाना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे ???
बार बार लगता है ये बीड़ी सिगरेट पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे !??
बार बार महसूस होता है यह शाराब पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब हो जाती है तो क्या करे ! ????
तो आपको बीड़ी सिगरेट की तलब न आए गुटका खाने के तलब न लगे ! शारब पीने की तलब न लगे ! इसके लिए बहुत अच्छे दो उपाय है जो आप बहुत आसानी से कर सकते है ! पहला ये की जिनको बार बार तलब लगती है जो अपनी तलब पर कंट्रोल नहीं कर पाते नियंत्रण नहीं कर पाते इसका मतलब उनका मन कमजोर है ! तो पहले मन को मजबूत बनाओ!
मन को मजबूत बनाने का सबसे आसान उपाय है पहले थोड़ी देर आराम से बैठ जाओ ! आलती पालती मर कर बैठ जाओ ! जिसको सुख आसन कहते हैं ! और फिर अपनी आखे बंद कर लो फिर अपनी दायनी(right side) नाक बंद कर लो और खाली बायी(left side) नाक से सांस भरो और छोड़ो ! फिर सांस भरो और छोड़ो फिर सांस भरो और छोड़ो !
बायीं नाक मे चंद्र नाड़ी होती है और दाई नाक मे सूर्य नाड़ी ! चंद्र नाड़ी जितनी सक्रिये (active) होगी उतना इंसान का मन मजबूत होता है ! और इससे संकल्प शक्ति बढ़ती है ! चंद्र नाड़ी जीतने सक्रिये होती जाएगी आपकी मन की शक्ति उतनी ही मजबूत होती जाएगी ! और आप इतने संकल्पवान हो जाएंगे ! और जो बात ठान लेंगे उसको बहुत आसानी से कर लेगें ! तो पहले रोज सुबह 5 मिनट तक नाक की right side को दबा कर left side से सांस भरे और छोड़ो ! ये एक तरीका है ! और बहुत आसन है !
दूसरा एक तरीका है आपके घर मे एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसको आप सब अच्छे से जानते है और पहचानते हैं ! राजीव भाई ने उसका बहुत इस्तेमाल किया है लोगो का नशा छुड्वने के लिए ! और उस ओषधि का नाम है अदरक ! और आसानी से सबके घर मे होती है ! इस अदरक के टुकड़े कर लो छोटे छोटे उस मे नींबू निचोड़ दो थोड़ा सा काला नमक मिला लो और इसको धूप मे सूखा लो ! सुखाने के बाद जब इसका पूरा पानी खतम हो जाए तो इन अदरक के टुकड़ो को अपनी जेब मे रख लो ! जब भी दिल करे गुटका खाना है तंबाकू खाना है बीड़ी सिगरेट पीनी है ! तो आप एक अदरक का टुकड़ा निकालो मुंह मे रखो और चूसना शुरू कर दो ! और यह अदरक ऐसे अदबुद चीज है आप इसे दाँत से काटो मत और सवेरे से शाम तक मुंह मे रखो तो शाम तक आपके मुंह मे सुरक्षित रहता है ! इसको चूसते रहो आपको गुटका खाने की तलब ही नहीं उठेगी ! तंबाकू सिगरेट लेने की इच्छा ही नहीं होगी शराब पीने का मन ही नहीं करेगा !
बहुत आसन है कोई मुश्किल काम नहीं है ! फिर से लिख देता हूँ !
अदरक के टुकड़े कर लो छोटे छोटे उस मे नींबू निचोड़ दो थोड़ा सा काला नमक मिला लो और इसको धूप मे सूखा लो ! सुखाने के बाद जब इसका पूरा पानी खतम हो जाए तो इन अदरक के टुकड़ो को अपनी जेब मे रख लो ! डिब्बी मे रखो पुड़िया बना के रखो जब तलब उठे तो चूसो और चूसो !
जैसे ही इसका रस लाड़ मे घुलना शुरू हो जाएगा आप देखना इसका चमत्कारी असर होगा आपको फिर गुटका –तंबाकू शराब –बीड़ी सिगरेट आदि की इच्छा ही नहीं होगी ! सुबह से शाम तक चूसते रहो ! और 10 -15 -20 दिन लगातार कर लिया ! तो हमेशा के लिए नशा आपका छूट जाएगा !
आप बोलेगे ये अदरक मैं ऐसे क्या चीज है !????
यह अदरक मे एक ऐसे चीज है जिसे हम रसायनशास्त्र (क्मिस्ट्री) मे कहते है सल्फर !
अदरक मे सल्फर बहुत अधिक मात्रा मे है ! और जब हम अदरक को चूसते है जो हमारी लार के साथ मिल कर अंदर जाने लगता है ! तो ये सल्फर जब खून मे मिलने लगता है ! तो यह अंदर ऐसे हारमोनस को सक्रिय कर देता है ! जो हमारे नशा करने की इच्छा को खत्म कर देता है !
और विज्ञान की जो रिसर्च है सारी दुनिया मे वो यह मानती है की कोई आदमी नशा तब करता है ! जब उसके शरीर मे सल्फर की कमी होती है ! तो उसको बार बार तलब लगती है बीड़ी सिगरेट तंबाकू आदि की ! तो सल्फर की मात्रा आप पूरी कर दो बाहर से ये तलब खत्म हो जाएगी ! इसका राजीव भाई ने हजारो लोगो पर परीक्षण किया और बहुत ही सुखद प्रणाम सामने आए है ! बिना किसी खर्चे के शराब छूट जाती है बीड़ी सिगरेट शराब गुटका आदि छूट जाता है ! तो आप इसका प्रयोग करे !
और इसका दूसरे उपयोग का तरीका पढे !
अदरक के रूप मे सल्फर भगवान ने बहुत अधिक मात्रा मे दिया है ! और सस्ता है! इसी सल्फर को आप होमिओपेथी की दुकान से भी प्राप्त कर सकते हैं ! आप कोई भी होमिओपेथी की दुकान मे चले जाओ और विक्रेता को बोलो मुझे सल्फर नाम की दावा देदो ! वो देदेगा आपको शीशी मे भरी हुई दावा देदेगा ! और सल्फर नाम की दावा होमिओपेथी मे पानी के रूप मे आती है प्रवाही के रूप मे आती है जिसको हम Dilution कहते है अँग्रेजी मे !
तो यह पानी जैसे आएगी देखने मे ऐसे ही लगेगा जैसे यह पानी है ! 5 मिली लीटर दवा की शीशी 5 रूपये आती है ! और उस दवा का एक बूंद जीभ पर दाल लो सवेरे सवेरे खाली पेट ! फिर अगले दिन और एक बूंद डाल लो ! 3 खुराक लेते ही 50 से 60 % लोग की दारू छूट जाती है ! और जो ज्यादा पियाकड़ है !जिनकी सुबह दारू से शुरू होती है और शाम दारू पर खतम होती है ! वो लोग हफ्ते मे दो दो बार लेते रहे तो एक दो महीने तक करे बड़े बड़े पियकरों की दारू छूट जाएगी !राजीव भाई ने ऐसे ऐसे पियकारों की दारू छुड़ाई है ! जो सुबह से पीना शुरू करते थे और रात तक पीते रहते थे ! उनकी भी दारू छूट गई बस इतना ही है दो तीन महीने का समय लगा !
तो ये सल्फर अदरक मे भी है ! होमिओपेथी की दुकान मे भी उपलब्ध है ! आप आसानी से खरीद सकते है !लेकिन जब आप होमिओपेथी की दुकान पर खरीदने जाओगे तो वो आपको पुछेगा कितनी ताकत की दवा दूँ ??!
मतलब कितनी Potency की दवा दूँ ! तो आप उसको कहे 200 potency की दवा देदो ! आप सल्फर 200 कह कर भी मांग सकते है ! लेकिन जो बहुत ही पियकर है उनके लिए आप 1000 Potency की दवा ले !आप 200 मिली लीटर का बोतल खरीद लो एक 150 से रुपए मे मिलेगी ! आप उससे 10000 लोगो की शराब छुड़वा सकते हैं ! मात्र एक बोतल से ! लेकिन साथ मे आप मन को मजबूत बनाने के लिए रोज सुबह बायीं नाक से सांस ले ! और अपनी इच्छा शक्ति मजबूत करे !!!
अब एक खास बात !
बहुत ज्यादा चाय और काफी पीने वालों के शरीर मे arsenic तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप arsenic 200 का प्रयोग करे !
गुटका,तंबाकू,सिगरेट,बीड़ी पीने वालों के शरीर मे phosphorus तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप phosphorus 200 का प्रयोग करे !
और शराब पीने वाले मे सबसे ज्यादा sulphur तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप sulphur 200 का प्रयोग करे !!
सबसे पहले शुरुवात आप अदरक से ही करे !!

Wednesday, July 27, 2016

"अतीत याद रखना आवश्यक है, क्योकी ये हमेशा संघर्ष करने की प्रेरणा देता है।"

"संघर्ष से भरी ये आफताबो की कड़ी है,मेहनत और परेशानियाँ हर घड़ी,दर घड़ी है।पर झुकते नही जोवो रुकते नहीक्योकी ख्वाइश-ए-मुसीबते ही  सफलता की कड़ी है।"अगर मेहनतलगन विश्वासऔर इच्छा है तो कुछ भी पाया जा सकता है। इतिहास गवाह है कि जितने भी प्रतिभाशाली हुएउन्होँने अपने मेहनत के दम पर अर्शँ से फर्श तक का सफर, संघर्षो की सीढ़ीयाँ चढ़कर ही पूरा किया। इंसान जब खुद को पहचानता हैखुद मे झाँकता हैखुद की सुनता है और फिर जब अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ता है तो एक मिसाल ही कायम होती है।
वैसे तो कई लोग है जिनके सफलता को सलाम किया जाता हैपर इनमे भी कुछ ऐसे होते है यानि इतने ख़ास कि मस्तिष्क भी सोचने पर मजबूर हो जाता है कि  वाकई मेहनत से सब कुछ सम्भव है।कुछ के सफलताओं की कहानियाँ तो सामान्य होती है उनके सुविधाओ के कारणपर कुछ कहानियाँ ऐसी होती है जिन्हेँ सुनकर बिल्कुल हैरत होती हैऔर एक कहावत की पुष्टी हो जाती है कि 'कमल कीचड़ मेँ ही खिलता है।'तो ये संघर्ष की कहानी भी ऐसी ही है, जिसकी जगह और कोई नहीं ले सकता। ये कहानी एक ऐसे ही शख्स की है जिसने जिंदगी में कठिन परिश्रम और अपनी काबिलियत के बल पर दुनिया के शीर्ष कारोबारियों की सूची में खुद को शामिल किया। मज़दूर के इस बेटे ने अपने करियर की शुरुआत दुकानों में झाड़ू लगाकर शुरू की थी। इतना ही नहीं इस शख्स को अपनी भूख मिटाने के लिए कई घंटों तक कतार में खड़े रहकर मुफ़्त भोजन का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन सारी मुसीबतों का डटकर मुकाबला करते हुए इसने दुनिया के सामने एक ऐसा प्रोडक्ट पेश किया कि वो पांच साल के भीतर ही प्रौद्योगिकी उद्योग के शीर्ष खरबपतियों की कतार में शामिल हो गए।जी हाँ हम बात कर रहे हैं नेटवर्किंग साइट व्हाट्सएप के सह-संस्थापक जेन कूम की।  युवा पीढ़ी के लिए 'वॉट्सएपकोई अनजाना नाम नहीँ है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैँ कि अपनी शुरुआत के महज पांच सालोँ मेँ ही इसके 45 करोड़ यूजर हो गये हैं। और सबसे बड़ी बात है कि इस ऐप पर विज्ञापनो के लिए कोई जगह नही है। इसका रेवेन्यू मॉडल पूरी तरह 'सब्सक्रिप्शन 'पर आधारित है। इसके लिए युजर्स को प्रथम साल यूज करने के बाद प्रतिवर्ष 0.99 डॉलर की फीस देनी होती है।सफलता की लगभग हर कहानी के पीछे संघर्षो की दास्तां छिपी होती है। 'वाट्सएपके संस्थापको-जेन कूम और ब्रायन एक्टन ने भी ये दौर देखा है।जान कर हैरानी होती है कि जिस  फेसबुक ने अरबोँ डॉलर मेँ इनकी कंपनी का अधिग्रहण किया हैउसी ने एक समय इन्हेँ अपने यहाँ नौकरी देने से इनकार कर दिया था।
सोशल नेटवर्किंग की दुनिया में क्रांति लाने वाले कूम का जन्म यूक्रेन के शहर कीव मे 24 फरवरी 1976 को हुआ था। 16 साल की उम्र मे मजबूरी मे अपने पिता को छोड़ कर माँ और दादी के साथ अमेरिका चले आए।सोवियत संघ में मिले नोटबुक का इस्तेमाल कर उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। बुरी आर्थिक हालातों को देखते हुए उन्होंने एक किराने की दुकान में झाडू लगाने का काम शुरू कर दिया। इसी बीच इनकी माँ कैंसर से पीड़ित हो गयी। माँ को सरकार से मिले इलाज़ भत्ते के कुछ पैसे से उन्होंने किताब खरीद कर कंप्यूटर नेटवर्किंग का ज्ञान हासिल किया और  बाद में फिर उसे पुरानी किताबें खरीदने वाली दुकान पर बेच दीं।उसके बाद कूम सिलिकॉन वैली के एक सरकारी विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और साथ-ही-साथ एक कंपनी में सिक्यूरिटी टेस्टर का काम करने लगे। इसी दौरान साल 1997 में उन्हें याहू कंपनी में काम मिल गया और उनकी मुलाकात ब्रायन ऐक्टन नाम के एक शख्स से हुईजो बाद में उनके बिज़नेस पार्टनर भी बने। नौ सालों तक याहू में काम करने के बाद कूम ने लगभग पच्चीस लाख रूपये की सेविंग कर जॉब को अलविदा कर दिया।
लगभग एक साल ऐसे ही बीतने के बाद उन्होंने कुछ नया करने को सोचा। जनवरी 2009 में कूम ने एप्पल का आईफोन खरीदा। लेकिन उनके जिम की पॉलिसी के अनुसार वो अपना फ़ोन वहां इस्तेमाल नहीं कर पाते थे। फिर उसने स्काइप का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया लेकिन एक दिन ये अपना पासवर्ड भूल गये। इन परेशानियों से तंग आकर उन्होंने एक ऐसे एप को दुनिया के सामने लाने के बारे में सोचा जो महज़ एक फ़ोन नंबर से लोगों को आपस में जोड़ कर रखे।उन्होंने अपने मित्र ऐक्टन को अपने आईडिया से अवगत कराया और फिर दोनों ने मिलकर व्हाट्सएप’ पर काम करना शुरू कर दिया।साथ-ही-साथ दोनों किसी अच्छे कंपनी में जॉब की भी तलाश कर रहे थे। किन्तु फेसबुकट्विटर जैसी सारी कंपनियों ने इन्हें नकार दिया।अपनी योग्यता को नकारता देख इन्होँने अपनी हिम्मत नही हारी और मेहनत के साथ लग गये अपने काम मे ताकि लोगो को अपने कार्य के जरिए जवाब दे सकेमुसीबतो ने इन्हेँ अपने भावी प्रोजेक्ट को लांच करने की दिशा में और मज़बूती दी। इसी दौरान याहू के कुछ पूर्व अधिकारीयों ने इनके प्रोजेक्ट में फंडिंग करने की इच्छा जताई। फिर सब ने मिलकर दुनिया के सामने व्हाट्सएप’ के कांसेप्ट को पेश किया।साल 2010 के शुरुआती दिनों में लॉन्चिंग के बाद कंपनी  5000 डॉलर प्रति माह की आमदनी कमाने लगी।हालांकि यह काफी कम ही था लेकिन साल 2011 में इस कांसेप्ट ने सफलता की ऐसी उड़ान भरी कि उस वक़्त की सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साईट फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग को भी सदमे में डाल दिया।
उसके बाद कूम ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2014 में व्हाट्सएप की शानदार सफलता से हैरान होकर फेसबुक के सीईओ जुकरबर्ग ने कूम को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा। आज कूम भले ही दुनिया के अमीर पूंजीपतियों में शामिल हैं किन्तु आज भी शुरुआती दिनों में किये संघर्षों की व्यथा उनके जेहन में हैं। जब वो फेसबुक के हाथों व्हाट्सएप का डील कर रहे थे तो उन्होंने उसी स्थान को चुना थाजहाँ कभी अपने माँ के साथ घंटो लाइन लगाकर खाना पाने का इंतजार करते थे।
कूम का कहना है कि: "अतीत याद रखना आवश्यक हैक्योकी ये हमेशा संघर्ष करने की प्रेरणा देता है।"

और पढ़ें ~ http://www.hindisahityadarpan.in/2016/07/jan-koum-in-hindi-whatsapp-founder-story.html#ixzz4Fbggx0zM 
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Wednesday, April 13, 2016

Preposition से सम्बंधित कुछ प्रमुख बाते



1. का, के , कि के अर्थ में सम्बन्ध बताने वाले के लिए :- of
2. 'से' के अर्थ में जुदाई :- from
3. 'से अलग' के अर्थ में :- off
4. दो के बीच में :- between
5. तीन या तीन से अधिक के बीच में:- among
6. 'के करीब' के अर्थ में :- about
7. 'के बारे में' के अर्थ में :- about
8. 'के चारो तरफ' के अर्थ में :- round
9. 'के आस - पास' के अर्थ में :- around
10. 'के प्रति' के अर्थ में:- to, towards
11. 'की ओर' के अर्थ में:- to, towards
12. किसी चीज़ के ऊपर और स्पर्श रहने पर :- on
13. किसी चीज़ के ऊपर और स्पर्श नहीं रहने पर :- above, over
14. किसी चीज़ के ऊपर और गतिशील अवस्था में :- over
15. 'के द्वारा' के अर्थ में :- by
16. व्यक्ति के निकट :- by
17. किसी स्थान के निकट :- at
18. 'से होकर' (भीतरी अवस्था) :- through
19. 'से होकर' (बाहरी अवस्था):- by
20. Parts of Body के साथ धरकर के अर्थ में :- by
21. निश्चित समय के साथ 'तक' के अर्थ में :- by, till
22. समय कि अवधि के साथ 'तक' के अर्थ में :- For
23. निश्चित समय के साथ से के अर्थ में यदि वाक्य Present और Past Tense में हो :-since
24. निश्चित समय के साथ से के अर्थ में यदि वाक्य Future Tense में हो :- from
25. समय के अवधि के साथ 'से' के साथ में:- for
26. जितना बजे उतना बताना हो :- at
27. दिन के नाम के साथ 'को' के अर्थ में :- on
28. किसी Instrument के मदद से कोई काम करना हो :- with
29. 'के हिसाब से' के अर्थ में :- by
30. कीमत बताने में :- at
31. गति बताने में :- at
32. तापमान बताने में :- at
33. 'के खिलाफ' के अर्थ में :- against
34. से सटकर या सटाकर के अर्थ में:- against
35. किसी के पास जाना हो :- to
36. के किनारे के अर्थ में :- along
37. के बावज़ूद के अर्थ में :- with, for, in spite of
38. किसी स्थान के निकट या पास के अर्थ में :- at
39. कोई काम करके अर्थ में :- by + v 4
40. कोई काम करते ही के अर्थ में :- on + v 4
41. कोई काम करने के चलते :- for + v 4
42. 'के लिए' के अर्थ में :- for
43. 'के बदले में' के अर्थ में :- for
44. 'के अधीन' के अर्थ में :- under
45. 'में' के अर्थ में स्थिर अवस्था :- in
46. 'में' के अर्थ में गतिशील अवस्था:- into
47. 'के सामने' के अर्थ में यदि व्यक्ति हो :- before
48. 'के सामने' के अर्थ में यदि कोई वस्तु हो :- in front of..

Monday, February 29, 2016

भगवान श‌िव को नहीं पसंद हैं यह 7 चीजें, कभी नहीं चढ़ाएं

भगवान श‌िव का सबसे बड़ा पर्व महाश‌िवरात्र‌ि 7 मार्च को है। इसद‌िन भोले बाबा को खुश करने के ल‌िए उनके भक्त तरह-तरत की चीजें अर्प‌ित करते हैं। लेक‌िन कई बार उत्साह में आकर ऐसी गलती हो जाती है ज‌िससे भोले बाबा खुश होने की बजाय अप्रसन्न हो जाते हैं। आपसे ऐसी गलती नहीं हो इसल‌िए उन 7 चीजों के बारे में जान लीज‌िए जो भोले बाबा को नहीं चढ़ाना चाह‌िए।


शंख से भोले बाबा को जल नहीं चढ़ाना चाह‌िए। श‌िवपुराण के अनुसार भगवान भोलेनाथ ने शंखचूड़ नामक असुर का वध क‌िया था। भगवान व‌िष्‍णु का भक्त होने के कारण शंख से व‌िष्‍णु और लक्ष्मी की पूजा होती है।

भगवान श‌िव वैरागी उन्हें सौन्दर्य से जुड़ी चीजें पसंद नहीं है। इसल‌िए कोई भी श्रृंगार की वस्तु भाले बाबा को नहीं चढ़ाएं। हल्दी भी सौन्दर्य वर्धक माना गया है इसल‌िए हल्दी और केसर भी श‌िव जी को नहीं चढ़ाएं। यह सौभाग्य और समृद्ध‌ि के ल‌िए भगवान व‌िष्‍णु को चढ़ाना चाह‌िए।

तुलसी का पत्ता यह भी भगवान श‌िव को नहीं चढ़ाना चाह‌‌िए। इस संदर्भ में असुर राज जलंधर की कथा है ज‌िसकी पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी। श‌िव जी ने जलंधर का वध क‌िया था इसल‌िए वृंदा ने भगवान श‌िव की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग न करने की बात कही है।

नार‌ियल पानी से भगवान श‌िव का अभ‌िषेक नहीं करना चाह‌िए क्योंक‌ि नार‌ियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसल‌िए सभी शुभ कार्य में नार‌ियल का इस्तेमाल होगा इसे लोग प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं। लेक‌िन श‌िव के ऊपर अर्प‌ित होने के बाद नार‌ियल पानी न‌िर्माल बन जाता है जो ग्रहण योग्य नहीं रह जाता है।

उबला हुआ या पैकेट का दूध भगवान श‌िव का नहीं अर्प‌ित करना चाह‌िए। इससे बेहतर है आप केवल जल या गंगाजल से अभ‌िषेक करें। श‌िव जी को वही दूध चढ़ाएं जो उबला हुआ नहीं हो। पैकट का दूध भी उबाला गया होता है इसल‌िए यह भी पूजन योग्य नहीं होता है।

भगवान श‌िव की पूजा में केतकी का फूल वर्ज‌ित है। श‌िव पुराण के अनुसार ब्रह्मा और व‌िष्‍णु के व‌िवाद में झूठ बोलने के कारण केतकी फूल को भगवान श‌िव का शाप म‌िला है।

कुमकुम और स‌‌िंदूर भी भगवान श‌िव को नहीं चढ़ता है।


Saturday, January 9, 2016

तुलसी का पौधा बता देगा, आप पर कोई मुसीबत आने वाली है।


सभी मित्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ।
क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया कि आपके घर, परिवार या आप पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो उसका असर सबसे पहले आपके घर में स्थित तुलसी के पौधे पर होता है। आप उस पौधे का कितना भी ध्यान रखें धीरे-धीरे वो पौधा सूखने लगता है। तुलसी का पौधा ऐसा है जो आपको पहले ही बता देगा कि आप पर या आपके घर परिवार को किसी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है।
पुराणों और शास्त्रों के अनुसार माना जाए तो ऐसा इसलिए होता है कि जिस घर पर मुसीबत आने वाली होती है उस घर से सबसे पहले लक्ष्मी यानी तुलसी चली जाती है। क्योंकि दरिद्रता, अशांति या क्लेश जहां होता है वहां लक्ष्मी जी का निवास नही होता। अगर ज्योतिष की माने तो ऐसा बुध के कारण होता है। बुध का प्रभाव हरे रंग पर होता है और बुध को पेड़ पौधों का कारक ग्रह माना जाता है।
बुध ऐसा ग्रह है जो अन्य ग्रहों के अच्छे और बुरे प्रभाव जातक तक पहुंचाता है। अगर कोई ग्रह अशुभ फल देगा तो उसका अशुभ प्रभाव बुध के कारक वस्तुओं पर भी होता है। अगर कोई ग्रह शुभ फल देता है तो उसके शुभ प्रभाव से तुलसी का पौधा उत्तरोत्तर बढ़ता रहता है। बुध के प्रभाव से पौधे में फल फूल लगने लगते हैं।प्रतिदिन चार पत्तियां तुलसी की सुबह खाली पेट ग्रहण करने से मधुमेह, रक्त विकार, वात, पित्त आदि दोष दूर होने लगते है मां तुलसी के समीप आसन लगा कर यदि कुछ समय हेतु प्रतिदिन बैठा जाये तो श्वास के रोग अस्थमा आदि से जल्दी छुटकारा मिलता है.
घर में तुलसी के पौधे की उपस्थिति एक वैद्य समान तो है ही यह वास्तु के दोष भी दूर करने में सक्षम है हमारें शास्त्र इस के गुणों से भरे पड़े है जन्म से लेकर मृत्यु तक काम आती है यह तुलसी.... कभी सोचा है कि मामूली सी दिखने वाली यह तुलसी हमारे घर या भवन के समस्त दोष को दूर कर हमारे जीवन को निरोग एवम सुखमय बनाने में सक्षम है माता के समान सुख प्रदान करने वाली तुलसी का वास्तु शास्त्र में विशेष स्थान है हम ऐसे समाज में निवास करते है कि सस्ती वस्तुएं एवम सुलभ सामग्री को शान के विपरीत समझने लगे है महंगी चीजों को हम अपनी प्रतिष्ठा मानते है कुछ भी हो तुलसी का स्थान हमारे शास्त्रों में पूज्यनीय देवी के रूप में है तुलसी को मां शब्द से अलंकृत कर हम नित्य इसकी पूजा आराधना भी करते है इसके गुणों को आधुनिक रसायन शास्त्र भी मानता है इसकी हवा तथा स्पर्श एवम इसका भोग दीर्घ आयु तथा स्वास्थ्य विशेष रूप से वातावरण को शुद्ध करने में सक्षम होता है शास्त्रानुसार तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधे मिलते है उनमें श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, नील तुलसी, श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी मुख्य रूप से विद्यमान है सबके गुण अलग अलग है शरीर में नाक कान वायु कफ ज्वर खांसी और दिल की बिमारिओं पर खास प्रभाव डालती है.
वास्तु दोष को दूर करने के लिए तुलसी के पौधे अग्नि कोण अर्थात दक्षिण-पूर्व से लेकर वायव्य उत्तर-पश्चिम तक के खाली स्थान में लगा सकते है यदि खाली जमीन ना हो तो गमलों में भी तुलसी को स्थान दे कर सम्मानित किया जा सकता है.
तुलसी का गमला रसोई के पास रखने से पारिवारिक कलह समाप्त होती है पूर्व दिशा की खिडकी के पास रखने से पुत्र यदि जिद्दी हो तो उसका हठ दूर होता है यदि घर की कोई सन्तान अपनी मर्यादा से बाहर है अर्थात नियंत्रण में नहीं है तो पूर्व दिशा में रखे तुलसी के पौधे में से तीन पत्ते किसी ना किसी रूप में सन्तान को खिलाने से सन्तान आज्ञानुसार व्यवहार करने लगती है.
कन्या के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो अग्नि कोण में तुलसी के पौधे को कन्या नित्य जल अर्पण कर एक प्रदक्षिणा करने से विवाह जल्दी और अनुकूल स्थान में होता है सारी बाधाए दूर होती है.
यदि कारोबार ठीक नहीं चल रहा तो दक्षिण-पश्चिम में रखे तुलसी कि गमले पर प्रति शुक्रवार को सुबह कच्चा दूध अर्पण करे व मिठाई का भोग रख कर किसी सुहागिन स्त्री को मीठी वस्तु देने से व्यवसाय में सफलता मिलती है
नौकरी में यदि उच्चाधिकारी की वजह से परेशानी हो तो ऑफिस में खाली जमीन या किसी गमले आदि जहाँ पर भी मिटटी हो वहां पर सोमवार को तुलसी के सोलह बीज किसी सफेद कपडे में बाँध कर सुबह दबा दे सम्मन की वृद्धि होगी. नित्य पंचामृत बना कर यदि घर कि महिला शालिग्राम जी का अभिषेक करती है तो घर में वास्तु दोष हो ही नहीं सकता...
[ समस्त उपाय अवश्य करें।]
असाध्य रोगों को भी जड़ से खत्म करने में सक्षम तुलसी
तुलसी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी पौधा है। इसके सभी भाग अलौकिक शक्ति और तत्वों से परिपूर्ण माने गए हैं। तुलसी के पौधे से निकलने वाली सुगंध वातावरण को शुध्द रखने में तो अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती ही है, भारत में आयुर्वेद चिकित्सा पध्दति में भी तुलसी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। तुलसी का सदियों में औषधीय रूप में प्रयोग होता चला आ रहा है। तुलसी दल का प्रयोग खांसी, विष, श्वांस, कफ, बात, हिचकी और भोज्य पदार्थों की दुर्गन्ध को दूर करता है। इसके अलावा तुलसी बलवर्ध्दक होती है तथा सिरदर्द स्मरण शक्ति, आंखों में जलन, मुंह में छाले, दमा, ज्वर, पेशाब में जलन व विभिन्न प्रकार के रक्त व हृदय संबंधी बीमारियों को दूर करने में भी सहायक है। तुलसी में छोटे-छोटे रोगों से लेकर असाध्य रोगों को भी जड़ में खत्म कर देने की अद्भुत क्षमता है। इसके गुणों को जानकर और तुलसी का उचित उपयोग कर हमें अत्यधिक लाभ मिल सकता है। तो लीजिए डाल लेते है तुलसी के महत्वपूर्ण औषधीय उपयोगी एवं गुणों पर एक नजर :-
* श्वेत तुलसी बच्चों के कफ विकार, सर्दी, खांसी इत्यादि में लाभदायक है।
* कफ निवारणार्थ तुलसी को काली मिर्च पाउडर के साथ लेने से बहुत लाभ होता है।
* गले में सूजन तथा गले की खराश दूर करने के लिए तुलसी के बीज का सेवन शक्कर के साथ करने से बहुत राहत मिलती।
* तुलसी के पत्तों को काली मिर्च, सौंठ तथा चीनी के साथ पानी में उबालकर पीने में खांसी, जुकाम, फ्लू और बुखार में फायदा पहुंचता है।
* पेट में दर्द होने पर तुलसी रस और अदरक का रस समान मात्रा में लेने से दर्द में राहत मिलती है। इसके उपयोग से पाचन क्रिया में भी सुधार होता है।
* कान के साधारण दर्द में तुलसी की पत्तियों का रस गुनगुना करके डाले।
* नित्य प्रति तुलसी की पत्तियां चबाकर खाने से रक्त साफ होता है।
* चर्म रोग होने पर तुलसी के पत्तों के रस के नींबू के रस में मिलाकर लगाने से फायदा होता है।
* तुलसी के पत्तों का रस पीने से शरीर में ताकत और स्मरण शक्ति में वृध्दि होती है।
* प्रसव के समय स्त्रियों को तुलसी के पत्तों का रस देन से प्रसव पीड़ा कम होती है।
* तुलसी की जड़ का चूर्ण पान में रखकर खिलाने से स्त्रियों का अनावश्यक रक्तस्राव बंद होता है।
* जहरीले कीड़े या सांप के काटने पर तुलसी की जड़ पीसकर काटे गए स्थान पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है।
* फोड़े फुंसी आदि पर तुलसी के पत्तो का लेप लाभदायक होता है।
* तुलसी की मंजरी और अजवायन देने से चेचक का प्रभाव कम होता है।
* सफेद दाग, झाईयां, कील, मुंहासे आदि हो जाने पर तुलसी के रस में समान भाग नींबू का रस मिलाकर 24 घंट तक धूप में रखे। थोड़ा गाढ़ा होने पर चेहरे पर लगाएं। इसके नियमित प्रयोग से झाईयां, काले दाग, कीले आदि नष्ट होकर चेहरा बेदाग हो जाता है।
* तुलसी के बीजों का सेवन दूध के साथ करने से पुरुषों में बल, वीर्य और संतोनोत्पति की क्षमता में वृध्दि होती है।
* तुलसी का प्रयोग मलेरिया बुखार के प्रकोप को भी कम करता है।
* तुलसी का शर्बत, अबलेह इत्यादि बनाकर पीने से मन शांत रहता है।
* आलस्य निराशा, कफ, सिरदर्द, जुकाम, खांसी, शरीर की ऐठन, अकड़न इत्यादि बीमारियों को दूर करने के लिए तुलसी की जाय का सेवन करें।
धूम्रपान का त्याग अस्थमा में बचाव
अस्थमा की संभावना को कम करने के लिये तथा उस पर नियंत्रण पाने के लिये सबसे जरूरी है धूम्रपान का त्याग। यह न केवल धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करता है बल्कि उसके आसपास रहने वाले व्यक्ति भी इसके बुरे प्रभाव से बचे नहीं रहते। इसके अलावा अस्थमा के दौरे पर नियंत्रण के लिये किसी अच्छे चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। साफ व प्रदूषणरहित वातावरण में रहें। जिस खाद्य या पेय पदार्थ से आपको एलर्जी है, उसका सेवन न करें। पालतू पशुओं से दूरी बनाए रखें।
अच्छी नींद के लिये
नींद के प्रति सकारात्मक रवैये अधिक महत्वपूर्ण है बजाय कृत्रिम उपायों द्वारा नींद लेने के। अच्छी नींद के लिये इन उपायों पर गौर फरमाएं :-
* अनिद्रा रोग में निद्रा न आने की चिन्ता से तबीयत बिगड़ती है। आप आराम से लेटे रहिये और इस बात की चिन्ता मत कीजिए कि आपको नींद नहीं आती।
* प्रत्यन कीजिए कि सोने से पहले आप दिनभर की कठिनाइयों और आने वाले कल के बारे में न सोचें।
* कोई अच्छी पुस्तक पढ़ने का यत्न कीजिए। इससे अनिद्रा या चिन्ता संबंधी विचार एक तरफ हट जाएंगे और नींद आ जाएगी।
शहद के कुछ औषधीय प्रयोग
* शहद आंतों को शक्ति और बल प्रदान करता है। शहद का सेवन करने से आंतों में विषाक्त द्रव्य जमा नहीं होते। यह कृमियों को भी मारता है।
* पुराने रोग, पुरानी कब्ज, अतिसार तथा प्रवाहिका के लिये भी शहद उपयोगी सिध्द होता है।
* शहद के सेवन से छाती में जमा बलगम सरलता से बाहर निकल जाता है। इससे दमा व खांसी के रोगी को बहुत राहत मिलती है।
* शहद क्षय रोग में भी लाभ पहुंचाता है।
* शहद के सेवन से दिमाग तरोताजा और तंदरुस्त रहता है। शहद उन लोगों के लिए तो बहुत लाभप्रद है, जो दिमागी कार्य करते हैं।
कुछ मित्रो ने इसे अन्ध विश्वास करार दिया है सो ये उनकी सोच हो सकती है | इसमें किसी को बाध्य भी नहीं किया गया है । तुलसी की देखभाल , उपाय के बारे में जानकारी दी गई है । ये तो पुराणों में भी लिखा हुआ है कि तुलसी का महत्व क्या है । हिन्दू होकर भी अगर प्रतिकूल विचार रखते हो तो धन्य है आप ।

Wednesday, October 14, 2015

कमांड जो यूट्यूब देखने का मज़ा करेंगे डबल

स्मार्टफोन और टैबलेट पर यूट्यूब वीडियो देखने का चलन अब तेज़ी से बढ़ रहा है. व्हाट्सऐप पर भी यूट्यूब के कई वीडियो लोग फॉरवर्ड करते हैं जो अक्सर लोग स्मार्टफोन या टैबलेट पर ही देखते हैं.
आइये आपको कुछ ऐसे कमांड बताते हैं जिससे आपकी आदतें बदल सकती हैं. साथ ही यूट्यूब के वीडियो देखना भी आपके लिए बहुत आसान हो जाएगा.
वीडियो देखते समय उसको कुछ देर के लिए रोकना है तो बस 'K' दबा दीजिये.
अगर वीडियो की आवाज़ को बंद करना है तो स्पीकर को ढूंढ कर आवाज़ को बंद करने में कई सेकेंड लग सकते हैं. उसका सीधा सा उपाय है - बस 'M' दबाइये और आपके वीडियो के आवाज़ हो जाएगी बंद.
आप अपने कंप्यूटर पर यूट्यूब वीडियो देख रहे हैं और आपको उसे फुल स्क्रीन करना है तो F11 का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन अगर आप स्मार्टफोन या टैबलेट पर यूट्यूब वीडियो देख रहे हैं तो बस 'F' प्रेस कीजिए.

आसान तरीके

जो वीडियो आप देख रहे हैं और आपको उसे 5 सेकंड के लिए रिवाइंड करना है तो बस 'J' दबा दीजिये. अगर वीडियो को 10 सेकंड आगे बढ़ाना है तो 'L' बटन का इस्तेमाल कीजिये.
अगर आपको लगता है कि वीडियो थोड़ा ज़्यादा आगे या पीछे चला गया है तो राइट या लेफ्ट एरो का इस्तेमाल कीजिये. इससे वीडियो रिवाइंड या फॉरवर्ड तो होगा लेकिन थोड़ा कम.
अगर वीडियो को आपको फिर से देखना है तो 'O' बटन का इस्तेमाल कीजिये.
और अगर 10 मिनट के वीडियो को बराबर के हिस्से में बांट कर देखना है तो एक से नौ तक का कोई भी नंबर दबा दीजिये. आपका वीडियो उतने हिस्से में बंट जाएगा. उसके बाद आप उसे जहां से चाहें देखना शुरू कर सकते हैं.
ये कमांड सिर्फ यूट्यूब पर काम करते हैं और किसी भी दूसरे वीडियो साइट पर काम नहीं करेंगे.

Thursday, October 1, 2015

हिंदी नाम अक्षर से जानिए अपनी और दूसरों की 15-15 बातें

ज्योतिष में नाम के पहले अक्षर का काफी अधिक महत्व बताया गया है। किसी व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होता है, उसी राशि के अनुसार, व्यक्ति के नाम का पहला अक्षर निर्धारित किया जाता है। चंद्र की स्थिति से ही हमारी नाम राशि मानी जाती है। सभी 12 राशियों के लिए अलग-अलग अक्षर बताए गए हैं। नाम के पहले अक्षर से राशि मालूम होती है और उस राशि के अनुसार, व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य से जुड़ी कई बातें मालूम की जा सकती हैं।
यहां जानिए किस राशि के अंतर्गत कौन-कौन से नाम अक्षर आते हैं. किस राशि के व्यक्ति का स्वभाव कैसा होता है और सभी 12राशियों की 15-15 खास बातें...
मेष- चूचेचोलालीलूलेलो
राशि स्वरूप: मेंढा जैसा, राशि स्वामी- मंगल।
1. राशि चक्र की सबसे पहली राशि मेष है। यह राशि चर (चलित) स्वभाव की होती है। राशि का चिह्न मेढ़ा संघर्ष का प्रतीक है।
2. मेष राशि वाले आकर्षक होते हैं। इनका स्वभाव कुछ रुखा हो सकता है। दिखने में सुंदर होते हैं। यह लोग किसी के दबाव में काम करना पसंद नहीं करते। इनका चरित्र साफ-सुथरा एवं आदर्शवादी होता है।
3. बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। समाज में इनका वर्चस्व होता है और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
4. निर्णय लेने में जल्दबाजी करते हैं तथा जिस काम को हाथ में लिया है, उसे पूरा किए बिना पीछे नहीं हटते।
5. इनके स्वभाव में कभी-कभी लापरवाही भी आ जाती है। लालच करना इस राशि के लोगों के स्वभाव मे नहीं होता। दूसरों की मदद करना इन्हें अच्छा लगता है।
6. इनकी कल्पना शक्ति की अच्छी रहती है। सोचते बहुत ज्यादा हैं।
7. जैसा खुद का स्वभाव है, वैसी ही अपेक्षा दूसरों से भी करते हैं। इस कारण कई बार धोखा भी खाते हैं।
8. इन्हें गुस्सा बहुत जल्दी आता है। किसी भी चुनौती को स्वीकार करने की आदत होती है।
9. अपना अपमान जल्दी नहीं भूलते हैं, मन में दबा के रखते हैं। मौका मिलने पर बदला लेने से नहीं चूकते।
10. अपनी जिद पर अड़े रहना भी मेष राशि का स्वभाव है। इनके भीतर एक कलाकार छिपा होता है।
11. ये लोग हर काम करने में सक्षम हो सकते हैं। स्वयं को श्रेष्ठ समझते हैं।
12. अपनी मर्जी के अनुसार ही दूसरों से काम करवाना चाहते हैं। इस कारण इनके कई दुश्मन खड़े हो जाते हैं।
13. एक ही काम को बार-बार करना इस राशि के लोगों को पसंद नहीं होता।
14. एक ही जगह ज्यादा दिनों तक रहना भी अच्छा नहीं लगता है। नेतृत्व क्षमता अच्छी होती है।
15. कम बोलना, जिद करना इनका स्वभाव है। कभी-कभी प्रेम संबंध में दुखी भी रहते हैं।
वृष- ई, , , , वा, वी, वू, वे, वो
राशि स्वरूप- बैल जैसा
राशि स्वामी- शुक्र।
राशि परिचय
1. इस राशि का चिह्न बैल है। बैल अधिक पारिश्रमी और ताकतवर होता है, साधारणत: ये जीव शांत भी रहता है, लेकिन गुस्सा आने पर वह उग्र रूप धारण कर लेता है। इसी प्रकार का स्वभाव वृष राशि का भी होता है।
2. वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। इसके अन्तर्गत कृत्तिका नक्षत्र के तीन चरण, रोहिणी के चारों चरण और मृगशिरा के प्रथम दो चरण आते हैं।
3. सरकारी ठेकेदारी का काम करवाने की योग्यता इस राशि के लोगों में रहती है।
4. इनके जीवन में पिता-पुत्र का कलह रहता है, व्यक्ति का मन सरकारी कामों की ओर रहता है।
5. पिता के पास जमीनी काम या जमीन के द्वारा धन कमाने का साधन होता है। इन लोगों को मसालेदार भोजन अधिक पसंद होता है।
6. इन लोगों के पास ज्ञान अधिक होता है, जिससे अहम का भाव इनके स्वभाव में आ जाता है। ये लोग जब भी कोई बात करते हैं तो स्वाभिमान की बात करते हैं।
7. सरकारी क्षेत्रों की शिक्षा और सरकारी काम इनको आकर्षित करते हैं।
8. यदि कुंडली में केतु का बल मिल जाता है तो व्यक्ति शासन में मुख्य अधिकारी बनने की योग्यता रखता है। मंगल के प्रभाव से व्यक्ति के अंदर मानसिक गर्मी बढ़ती है।
9. कारखानों, स्वास्थ्य कार्यों और जनता के झगड़े सुलझाने का काम ये लोग कर सकते हैं। इनकी माता के जीवन में परेशानियां ज्यादा होती हैं।
10. ये लोग सौन्दर्य प्रेमी और कला प्रिय होते हैं। कला के क्षेत्र में नाम कमाते हैं।
11. माता और पति का साथ या माता और पत्नी का साथ घरेलू वातावरण में तालमेल लाता है। ये लोग अपने जीवनसाथी के अधीन रहना पसंद करते हैं।
12. चन्द्र-बुध के कारण इन लोगों को संतान के रूप में कन्या मिल सकती है। माता के साथ वैचारिक मतभेद का वातावरण बनाता है।
13. इनके जीवन में व्यापारिक यात्राएं काफी होती हैं, अपने ही बनाए हुए उसूलों पर जीवन चलाते हैं।
14. हमेशा दिमाग में कोई योजना बनती रहती है। कई बार खुद के षडयंत्रों में खुद ही फंस भी जाते हैं।
15. रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी चन्द्रमा है, इस कारण इनके मन में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है।
मिथुन- का, की, कू, , , , के, को, 
राशि स्वरूप- स्त्री-पुरुष आलिंगनबद्ध, राशि स्वामी- बुध।
1. यह राशि चक्र की तीसरी राशि है। राशि का प्रतीक युवा दम्पति है, यह द्वि-स्वभाव वाली राशि है।
2. मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे चरण के स्वामी मंगल-शुक्र हैं। मंगल शक्ति और शुक्र माया का प्रतीक है।
3. शुक्र के कारण ये लोग जीवनसाथी के लिए हमेशा शक्ति बन रहते हैं, कभी-कभी घरेलू कारणों से आपस में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
4. यदि इनकी कुंडली में मंगल और शुक्र की युति है तो इन लोगों में स्त्री रोगों को परखने की अद्भुत क्षमता होती है।
5. ये लोग वाहनों की अच्छी जानकारी रखते हैं। नए-नए वाहनों और सुख के साधनों के प्रति अत्यधिक आकर्षण होता है। इनका घरेलू साज-सज्जा के प्रति अधिक झुकाव होता है।
6. मंगल के कारण व्यक्ति वचनों का पक्का बन जाता है।
7. गुरु आसमान का राजा है तो राहु गुरु का शिष्य है। कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति से इस राशि के लोगों में ईश्वर की भक्ति को बढ़ाते हैं।
8. इस राशि के लोगों में ब्रह्माण्ड को समझने की योग्यता होती है। ये लोग वायुयान और सेटेलाइट के बारे में ज्ञान बढ़ाते हैं।
9. यदि कुंडली में राहु-शनि एक साथ हैं तो व्यक्ति की शिक्षा और शक्ति बढ़ती रहती है। व्यक्ति का कार्य शिक्षा स्थानों में या बिजली, पेट्रोल या वाहन वाले कामों की ओर होता है।
10. व्यक्ति एक दायरे में रह कर ही काम कर पाते हैं और पूरा जीवन लाभ प्राप्त करते हैं। व्यक्ति के अंदर एक मर्यादा होती है जो उसे धर्म में बांधे रखती है। व्यक्ति सामाजिक और धार्मिक कार्यों में लगा रहता है।
11. यदि कुंडली में गुरु और मंगल एक साथ हों तो व्यक्ति अपने क्षेत्र में उच्च शिखर तक पहुंच सकता है।
12. व्यक्ति अपने ही विचारों में उलझता है। मिथुन राशि पश्चिम दिशा की प्रतीक है। इसका स्वामी बुध है।
13. बुध की धातु पारा है और इसका स्वभाव जरा सी गर्मी-सर्दी में ऊपर नीचे होने वाला है। यही स्वभाव इन लोगों का भी होता है। दूसरे की मन की बातें पढ़ने, दूरदृष्टि, बहुमुखी प्रतिभा, अधिक चतुराई से कार्य करने की क्षमता होती है।
14. व्यक्ति को बुद्धि वाले कामों में सफलता मिलती है। वाणी की चतुरता से इस राशि के लोग कुशल कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ भी बन जाते हैं।
15. हर काम में जिज्ञासा और खोजी दिमाग होने के कारण इस राशि के लोग जांच-पड़ताल में भी सफल होते हैं। ये लोग पत्रकार, लेखक, भाषाओं की जानकारी रखने वाले, योजनाकार भी बन सकते हैं।
कर्क- ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
राशि स्वरूप- केकड़ा, राशि स्वामी- चंद्रमा।
1. ये राशि चक्र की चौथी राशि है। इस राशि का चिह्न केकड़ा है। यह चर राशि है।
2. राशि स्वामी चन्द्रमा है। इसके अन्तर्गत पुनर्वसु नक्षत्र का अंतिम चरण, पुष्य नक्षत्र के चारों चरण तथा अश्लेषा नक्षत्र के चारों चरण आते हैं।
3. कर्क राशि के लोग कल्पनाशील होते हैं। कुंडली में शनि-सूर्य एक साथ हों तो व्यक्ति को मानसिक रूप से अस्थिर बनाते हैं और व्यक्ति में अहम की भावना बढ़ाते हैं।
4. जिस स्थान पर भी ये लोग काम करने की इच्छा करते हैं, वहां परेशानी ज्यादा मिलती है।
5. कुंडली में शनि-बुध की युति व्यक्ति को होशियार बना देती है। कुंडली में शनि-शुक्र की युति से व्यक्ति को धन प्राप्त होता है।
6. शुक्र व्यक्ति को सजने-संवरने की कला देता है और शनि अधिक आकर्षण देता है।
7. व्यक्ति उपदेशक बन सकता है। कुंडली में बुध की अच्छी स्थिति से गणित की समझ और शनि से लिखने का प्रभाव बढ़ता है। कम्प्यूटर के कामों में व्यक्ति को सफलता मिलती है।
8. व्यक्ति श्रेष्ठ बुद्धि वाला, जल मार्ग से यात्रा पसंद करने वाला, ज्योतिषी, सुगंधित पदार्थों का का काम करने वाला होता है। वह मातृभक्त होता है।
9. केकड़ा जब किसी चीज या जीव को अपने पंजों में जकड़ लेता है तो उसे आसानी से छोड़ता नहीं है। उसी तरह ये लोग भी अपने लोगों को तथा अपने विचारों को आसानी से छोड़ते नहीं हैं।
10. यह भावना उन्हें ग्रहणशील, एकाग्रता और धैर्य के गुण प्रदान करती है।
11. इनका मूड बदलते देर नहीं लगती है। कल्पनाशक्ति और स्मरण शक्ति बहुत तेज होती है।
12. उनके लिए अतीत का महत्व होता है। मित्रता को जीवन भर निभाना जानते हैं, अपनी इच्छा के स्वामी होते हैं।
13. ये सपना देखने वाले होते हैं, परिश्रमी और उद्यमी होते हैं।
14. व्यक्ति बचपन में दुर्बल होते हैं, लेकिन आयु के साथ-साथ उनके शरीर का विकास होता जाता है।
15. इन लोगों को भोजन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
सिंह- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
राशि स्वरूप- शेर जैसा,
राशि स्वामी- सूर्य।
1. सिंह राशि पूर्व दिशा की प्रतीक है। इसका चिह्न शेर है। राशि का स्वामी सूर्य है और इस राशि का तत्व अग्नि है।
2. इसके अन्तर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण, पूर्वा फाल्गुनी के चारों चरण और उत्तराफाल्गुनी का पहला चरण आता है।
3. केतु-मंगल की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति दिमागी रूप से तेज होता है। केतु-शुक्र की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति सजावट और सुन्दरता के प्रति आकर्षण को बढ़ाता है।
4. केतु-बुध के प्रभाव से कल्पना करने और हवाई किले बनाने की इनकी सोच होती है। चंद्र-केतु की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति की कल्पना शक्ति का विकास होता है।
5. व्यक्ति का सुन्दरता के प्रति मोह होता है। व्यक्ति में अपने प्रति स्वतंत्रता की भावना रहती है और किसी की बात नहीं मानता।
6. ये लोग पित्त और वायु विकार से परेशान रहने वाले, रसीली वस्तुओं को पसंद करने वाले होते हैं। कम भोजन करना और खूब घूमना, इनकी आदत होती है।
7. इनमें हिम्मत बहुत अधिक होती है और मौका आने पर जोखिमभरे काम करने से भी नहीं चूकते।
8. व्यक्ति जीवन के पहले दौर में सुखी, दूसरे दौर में दुखी और अंतिम अवस्था में पूर्ण सुखी होता है।
9. सिंह राशि वाले लोग हर काम शाही ढंग से करते हैं, जैसे सोचना शाही, करना शाही, खाना शाही और रहना शाही।
10. इस राशि वाले लोग जुबान के पक्के होते हैं। ये लोग जो खाते हैं वही खाएंगे, अन्यथा भूखा रहना पसंद करेंगे।
11. व्यक्ति कठोर मेहनत करने वाले, धन के मामलों में बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। सोना, पीतल और हीरे-जवाहरात का व्यवसाय इन्हें बहुत फायदा देने वाले होते हैं।
12. यदि ये लोग सरकार और नगर पालिका में कार्यरत हैं तो इन्हें लाभ अधिक मिलता है। व्यक्ति की वाणी और चाल में शालीनता पाई जाती है।
13. इस राशि वाले लोग सुगठित शरीर के मालिक होते हैं। नाचना भी इनकी एक विशेषता होती है। इस राशि वाले या तो बिल्कुल स्वस्थ रहते हैं या फिर अधिकतर बीमार रहते हैं।
14. जिस वातावरण में इनको रहना चाहिए, अगर वह न मिले तो दुखी रहने लगते हैं।
15. रीढ़ की हड्डी की बीमारी या चोटों से परेशानियां हो सकती हैं। इस राशि के लोगों को हृदय रोग, धड़कन का तेज होना, लू लगना और आदि बीमारी होने की संभावनाएं होती हैं।
कन्या- ढो, पा, पी, पू, , , , पे, पो
राशि स्वरूप- कन्या, राशि स्वामी- बुध।
1. राशि चक्र की छठी कन्या राशि दक्षिण दिशा की प्रतीक है। इस राशि का चिह्न हाथ में फूल लिए कन्या है। राशि का स्वामी बुध है। इसके अंतर्गत उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण, चित्रा के पहले दो चरण और हस्त नक्षत्र के चारों चरण आते हैं।
2. कन्या राशि के लोग बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी होते हैं। भावुक भी होते हैं और वह दिमाग की अपेक्षा दिल से ज्यादा काम लेते हैं।
3. इस राशि के लोग संकोची, शर्मीले और झिझकने वाले होते हैं।
4. मकान, जमीन और सेवाओं वाले क्षेत्र में इस राशि के व्यक्ति कार्य करते हैं।
5. स्वास्थ्य की दृष्टि से फेफड़ों में शीत, पाचनतंत्र एवं आंतों से संबंधी बीमारियां इन लोगों मे मिलती हैं। इन्हें पेट की बीमारी से कष्ट होता है। पैर के रोगों से भी सचेत रहना चाहिए।
6. बचपन से युवावस्था की अपेक्षा इनकी वृद्धावस्था अधिक सुखी और ज्यादा स्थिर होती है।
7. इस राशि वाले पुरुषों का शरीर भी स्त्रियों की भांति कोमल हो सकता है। ये लोग नाजुक और कलाओं से प्रेम करने वाले लोग होते हैं।
8. ये अपनी योग्यता के बल पर उच्च पद पर पहुंचते हैं। विपरीत परिस्थितियां भी इन्हें डरा नहीं सकतीं और ये अपनी सूझबूझ, धैर्य, चातुर्य से आगे बढ़ते रहते हैं।
9. बुध ग्रह का प्रभाव इनके जीवन मे स्पष्ट झलकता है। अच्छे गुण, विचारपूर्ण जीवन, बुद्धिमत्ता इस राशि के लोगों में देखने को मिलती है।
10. शिक्षा और जीवन में सफलता के कारण इनके स्वभाव से शर्म तो कम हो जाती है, लेकिन नम्रता तो इनका स्वाभाविक गुण है।
11. इनको अकारण क्रोध नहीं आता, लेकिन जब क्रोध आता है तो जल्दी समाप्त नहीं होता। जिस कारण क्रोध आता है, उसके प्रति घृणा की भावना इनके मन में घर कर जाती है।
12. इनमें भाषण देने व बातचीत करने की अच्छी कला होती है। संबंधियों से इन्हें विशेष लाभ नहीं होता है, इनका वैवाहिक जीवन भी सामान्य नहीं होता है।
13. इनके प्रेम संबंध सफल नहीं होते हैं। करीबी लोगों के साथ इनके झगड़े चलते रहते हैं।
14. ऐसे व्यक्ति धार्मिक विचारों में आस्था रखते हैं, लेकिन ये लोग किसी विशेष मत के नहीं होते हैं। इन्हें बहुत यात्राएं भी करनी पड़ती है तथा विदेश जाने की भी संभावनाएं रहती हैं। जिस काम में हाथ डालते हैं, लगन के साथ पूरा करके ही छोड़ते हैं।
15. इस राशि वाले लोग अपरिचित लोगों में अधिक लोकप्रिय होते हैं। वैसे इन लोगों की मित्रता किसी भी प्रकार के व्यक्ति के साथ हो सकती है।
तुला- रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
राशि स्वरूप- तराजू जैसा,
राशि स्वामी- शुक्र।
1. तुला राशि का चिह्न तराजू है और यह राशि पश्चिम दिशा की प्रतीक है, यह वायुतत्व की राशि है। शुक्र राशि का स्वामी है। इस राशि वालों को कफ की समस्या होती है।
2. इस राशि के पुरुष सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। आंखों में चमक व चेहरे पर प्रसन्नता झलकती है। इनका स्वभाव सम होता है।
3. ये लोग किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं होते, दूसरों को प्रोत्साहन देना, सहारा देना इनका स्वभाव होता है। ये व्यक्ति कलाकार होते हैं।
4. ये लोग व्यावहारिक भी होते हैं और इनके मित्र इन्हें पसंद करते हैं।
5. तुला राशि की स्त्रियां आकर्षक होती हैं। इनका स्वभाव खुशमिजाज व मुस्कान बहुत ही सुंदर होती है। बुद्धि वाले काम करने में इनकी अधिक रुचि होती है।
6. घर की साज-सज्जा और खुद को सुंदर दिखाने का शौक रहता है। कला, गायन आदि घरेलू कामों में दक्ष होती हैं। बच्चों से बेहद जुड़ाव रहता है।
7. तुला राशि के बच्चे सीधे, संस्कारी और आज्ञाकारी होते हैं। घर में रहना अधिक पसंद करते हैं। खेलकूद व कला के क्षेत्र में रुचि रखते हैं।
8. तुला राशि के लोग दुबले-पतले, लम्बे व आकर्षक व्यक्तिव वाले होते हैं। जीवन में आदर्शवाद व व्यवहारिकता में पर्याप्त संतुलन रखते हैं।
9. इनकी आवाज सभी को अच्छी लगती है। चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान छाई रहती है।
10. इन्हें ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करना बहुत अच्छा लगता है। ये अच्छे साथी हैं, चाहें वह वैवाहिक जीवन हो या व्यावसायिक जीवन।
11. अपने व्यवहार में बहुत न्यायवादी व उदार होते हैं। कला और साहित्य से जुड़े रहते हैं। इन्हें गीत, संगीत, यात्रा आदि का शौक रखने वाले व्यक्ति अधिक अच्छे लगते हैं।
12. लड़कियां आत्म विश्वास से भरपूर होती हैं। मनपसंद रंग गहरा नीला व सफेद होते हैं। वैवाहिक जीवन में स्थायित्व पसंद आता है।
13. वाद-विवाद में समय व्यर्थ नहीं करती हैं। सामाजिक पार्टियों, उत्सवों में रुचिपूर्वक भाग लेती हैं।
14. इनके बच्चे पढ़ाई या नौकरी आदि कारणों से दूर जा सकते हैं।
15. ये एक कुशल मां साबित होती हैं जो कि अपने बच्चों को उचित शिक्षा व आत्म विश्वास प्रदान करती हैं।
वृश्चिक- तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
राशि स्वरूप- बिच्छू जैसा,
राशि स्वामी- मंगल।
1. वृश्चिक राशि का चिह्न बिच्छू है और यह राशि उत्तर दिशा की प्रतीक है। वृश्चिक राशि जलतत्व की राशि है। इसका स्वामी मंगल है। यह स्थिर राशि है।
2. कुंडली में मंगल की कमजोर स्थिति से रोग हो सकते हैं। ये लोग एलर्जी से भी अक्सर परेशान रहते हैं। विशेषकर जब चंद्रमा कमजोर हो।
3. वृश्चिक राशि वालों में दूसरों को आकर्षित करने की अच्छी क्षमता होती है। इस राशि के लोग बहादुर, भावुक होने के साथ-साथ कामुक भी होते हैं।
4. इनकी शारीरिक संरचना अच्छी तरह से विकसित होती है। इनके कंधे चौड़े होते हैं। इनमें शारीरिक व मानसिक शक्ति प्रचूर मात्रा में होती है।
5. इन्हें बेवकूफ बनाना आसान नहीं होता है, इसलिए कोई भी इन्हें धोखा नहीं दे सकता। ये हमेशा साफ-सुथरी और सही सलाह देने में विश्वास रखते हैं।
6. ये लोग ज्यादातर दूसरों के विचारों का विरोध करते हैं। कभी-कभी ये आदत इनके विरोध का कारण भी बन सकती है।
7. ये अक्सर विविधता की तलाश में रहते हैं। वृश्चिक राशि के लड़के बहुत कम बोलते होते हैं। इन्हें दुबली-पतली लड़कियां आकर्षित करती हैं।
8. वृश्चिक वाले एक जिम्मेदार गृहस्थ की भूमिका निभाते हैं। अति महत्वाकांक्षी और जिद्दी होते हैं। अपने रास्ते चलते हैं मगर किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते।
9. लोगों की गलतियों और बुरी बातों को याद रखते हैं और समय आने पर उनका उत्तर भी देते हैं। इनकी वाणी कटु और गुस्सा तेज होता है मगर मन साफ होता है। दूसरों में दोष ढूंढने की आदत होती है। जोड़-तोड़ की राजनीति में चतुर होते हैं।
10. इस राशि की लड़कियां तीखे नयन-नक्ष वाली होती हैं। यह ज्यादा सुन्दर न हों तब भी इनमें आकर्षण रहता है। इनका बातचीत करने का विशेष अंदाज होता है।
11. ये बुद्धिमान और भावुक होती हैं। इनकी इच्छा शक्ति बहुत दृढ़ होती है। स्त्रियां जिद्दी और अति महत्वाकांक्षी होती हैं। थोड़ी स्वार्थी प्रवृत्ति की भी होती हैं।
12. स्वतंत्र निर्णय लेना इनकी आदत में होता है। मायके से अधिक स्नेह रहता है। नौकरीपेशा होने पर अपना वर्चस्व बनाए रखती हैं।
13. इन लोगों में काम करने की क्षमता काफी अधिक होती है। वाणी की कटुता होती है, सुख-साधनों की लालसा सदैव बनी ही रहती है।
14. ये व्यक्ति जिद्दी होते हैं, काम के प्रति लगन रखते हैं। ये व्यक्ति उदार व आत्मविश्वासी भी होते है।
15. वृश्चिक राशि के बच्चे परिवार से अधिक स्नेह रखते हैं। कम्प्यूटर-टीवी का बेहद शौक होता है। दिमागी शक्ति तीव्र होती है, खेलों में इनकी रुचि होती है।
धनु- ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
राशि स्वरूप- धनुष उठाए हुए,
राशि स्वामी- बृहस्पति।
1. धनु द्वि-स्वभाव वाली राशि है। इस राशि का चिह्न धनुषधारी है। यह राशि दक्षिण दिशा की प्रतीक है।
2. धनु राशि वाले काफी खुले विचारों के होते हैं। जीवन के अर्थ को अच्छी तरह समझते हैं।
3. दूसरों के बारे में जानने की कोशिश में हमेशा करते रहते हैं।
4. धनु राशि वालों को रोमांच काफी पसंद होता है। ये निडर व आत्म विश्वासी होते हैं। ये अत्यधिक महत्वाकांक्षी और स्पष्टवादी होते हैं।
5. स्पष्टवादिता के कारण दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचा देते हैं।
6. इनके अनुसार जो इनके द्वारा परखा हुआ है, वही सत्य है। इसीलिए इनके मित्र कम होते हैं। ये धार्मिक विचारधारा से दूर होते हैं।
7. धनु राशि के लड़के मध्यम कद-काठी के होते हैं। इनके बाल भूरे व आंखें बड़ी-बड़ी होती हैं। इनमें धैर्य की कमी होती है।
8. इन्हें मेकअप करने वाली लड़कियां पसंद हैं। इन्हें भूरा और पीला रंग प्रिय होता है।
9. अपनी पढ़ाई और करियर के कारण अपने जीवन साथी और विवाहित जीवन की उपेक्षा कर देते हैं। पत्नी को शिकायत का मौका नहीं देते और घरेलू जीवन का महत्व समझते हैं।
10. धनु राशि की लड़कियां लंबे कदमों से चलने वाली होती हैं। ये आसानी से किसी के साथ दोस्ती नहीं करती हैं।
11. ये एक अच्छी श्रोता होती हैं और इन्हें खुले और ईमानदारी पूर्ण व्यवहार के व्यक्ति पसंद आते हैं। इस राशि की स्त्रियां गृहणी बनने की अपेक्षा सफल करियर बनाना चाहती है।
12. इनके जीवन में भौतिक सुखों की महत्ता रहती है। सामान्यत: सुखी और संपन्न जीवन व्यतीत करती हैं।
13. इस राशि के व्यक्ति ज्यादातर अपनी सोच का विस्तार नहीं करते एवं कई बार कन्फयूज रहते हैं। एक निर्णय पर पंहुचने पर इनको समय लगता है एवं यह देरी कई बार नुकसानदायक भी हो जाती है।
14. ज्यादातर यह लोग दूसरों के मामलों में दखल नहीं देते एवं अपने काम से काम रखते हैं।
15. इनका पूरा जीवन लगभग मेहनत करके कमाने में जाता है या यह अपने पुश्तैनी कार्य को ही आगे बढाते हैं।
मकर- भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
राशि स्वरूप- मगर जैसा,
राशि स्वामी- शनि।
1. मकर राशि का चिह्न मगरमच्छ है। मकर राशि के व्यक्ति अति महत्वाकांक्षी होते हैं। यह सम्मान और सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार कार्य कर सकते हैं।
2. इनका शाही स्वभाव व गंभीर व्यक्तित्व होता है। आपको अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है।
3. इन्हें यात्रा करना पसंद है। गंभीर स्वभाव के कारण आसानी से किसी को मित्र नहीं बनाते हैं। इनके मित्र अधिकतर कार्यालय या व्यवसाय से ही संबंधित होते हैं।
4. सामान्यत: इनका मनपसंद रंग भूरा और नीला होता है। कम बोलने वाले, गंभीर और उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों को ज्यादा पसंद करते हैं।
5. ईश्वर व भाग्य में विश्वास करते हैं। दृढ़ पसंद-नापसंद के चलते इनका वैवाहिक जीवन लचीला नहीं होता और जीवनसाथी को आपसे परेशानी महसूस हो सकती है।
6. मकर राशि के लड़के कम बोलने वाले होते हैं। इनके हाथ की पकड़ काफी मजबूत होती है। देखने में सुस्त, लेकिन मानसिक रूप से बहुत चुस्त होते हैं।
7. प्रत्येक कार्य को बहुत योजनाबद्ध ढंग से करते हैं।
8. आपकी खामोशी आपके साथी को प्रिय होती है। अगर आपका जीवनसाथी आपके व्यवहार को अच्छी तरह समझ लेता है तो आपका जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होता है।
9. आप जीवन साथी या मित्रों के सहयोग से उन्नति प्राप्त कर सकते हैं।
10. मकर राशि की लड़कियां लम्बी व दुबली-पतली होती हैं। यह व्यायाम आदि करना पसंद करती हैं। लम्बे कद के बाबजूद आप ऊंची हिल की सैंडिल पहनना पसंद करती हैं।
11. पारंपरिक मूल्यों पर विश्वास करने वाली होती हैं। छोटे-छोटे वाक्यों में अपने विचारों को व्यक्त करती हैं।
12. दूसरों के विचारों को अच्छी तरह से समझ सकती हैं। इनके मित्र बहुत होते हैं और नृत्य की शौकिन होती हैं।
13. इनको मजबूत कद-कठी के व्यक्ति बहुत आकर्षित करते हैं। अविश्वसनीय संबंधों में विश्वास नहीं करती हैं।
14. अगर आप करियर वुमन हैं तो आप कार्य क्षेत्र में अपना अधिकतर समय व्यतीत करती हैं।
15. आप अपने घर या घरेलू कार्यों के विषय में अधिक चिंता नहीं करती हैं।
कुंभ- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
राशि स्वरूप- घड़े जैसा,
राशि स्वामी- शनि।
1. राशि चक्र की यह ग्यारहवीं राशि है। कुंभ राशि का चिह्न घड़ा लिए खड़ा हुआ व्यक्ति है। इस राशि का स्वामी भी शनि है। शनि मंद ग्रह है तथा इसका रंग नीला है। इसलिए इस राशि के लोग गंभीरता को पसंद करने वाले होते हैं एवं गंभीरता से ही कार्य करते हैं।
2. कुंभ राशि वाले लोग बुद्धिमान होने के साथ-साथ व्यवहारकुशल होते हैं। जीवन में स्वतंत्रता के पक्षधर होते हैं। प्रकृति से भी असीम प्रेम करते हैं।
3. शीघ्र ही किसी से भी मित्रता स्थपित कर सकते हैं। आप सामाजिक क्रियाकलापों में रुचि रखने वाले होते हैं। इसमें भी साहित्य, कला, संगीत व दान आपको बेहद पसंद होता हैं।
4. इस राशि के लोगों में साहित्य प्रेम भी उच्च कोटि का होता है।
5. आप केवल बुद्धिमान व्यक्तियों के साथ बातचीत पसंद करते हैं। कभी भी आप अपने मित्रों से असमानता का व्यवहार नहीं करते हैं।
6. इनका व्यवहार सभी को इनकी ओर आकर्षित कर लेता है।
7. कुंभ राशि के लड़के दुबले होते हैं। आपका व्यवहार स्नेहपूर्ण होता है। इनकी मुस्कान इन्हें आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करती है।
8. इनकी रुचि स्तरीय खान-पान व पहनावे की ओर रहती है। ये बोलने की अपेक्षा सुनना ज्यादा पसंद करते हैं। इन्हें लोगों से मिलना-जुलना अच्छा लगता है।
9. अपने व्यवहार में बहुत ईमानदार रहते हैं, इसलिए लड़कियां इनकी प्रशंसक होती हैं।
10. अपनी इच्छाओं को दूसरों पर लादना पसंद नहीं करते हैं और अपने घर परिवार से स्नेह रखते हैं।
11. कुंभ राशि की लड़कियां बड़ी-बड़ी आंखों वाली व भूरे बालों वाली होती हैं। यह कम बोलती हैं, इनकी मुस्कान आकर्षक होती है।
12. इनका व्यक्तित्व बहुत आकर्षक होता है, लेकिन आसानी से किसी से मित्रता नहीं करती हैं। ये सुंदर होती हैं।
13. किसी कलात्मक रुचि, पेंटिग, काव्य, संगीत, नृत्य या लेखन आदि में अपना समय व्यतीत करती हैं।
14. ये सामान्यत: गंभीर व कम बोलने वाले व्यक्तियों की ओर आकर्षित होती हैं।
15. इनका जीवन सुखपूर्वक व्यतित होता है, क्योंकि ये ज्यादा इच्छाएं नहीं करती हैं। अपने घर को भी कलात्मक रूप से सजाती हैं।
मीन- दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची
राशि स्वरूप- मछली जैसा, 
राशि स्वामी- बृहस्पति।
1. मीन राशि का चिह्न मछली होता है। मीन राशि वाले मित्रपूर्ण व्यवहार के कारण अपने कार्यालय व आस-पड़ोस में पहचाने जाते हैं।
2. आप कभी अति मित्रतापूर्ण व्यवहार नहीं करते हैं, बल्कि आपका व्यवहार बहुत नियंत्रित रहता है। ये आसानी से किसी के विचारों को पढ़ सकते हैं।
3. अपनी ओर से उदारतापूर्ण व संवेदनाशील होते हैं और व्यर्थ का दिखावा व चालाकी को बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं।
4. एक बार किसी पर भी भरोसा कर लें तो यह हमेशा के लिए होता है, इसीलिए आप आपने मित्रों से अच्छा भावानात्मक संबंध बना लेते हैं।
5. ये सौंदर्य और रोमांस की दुनिया में रहते हैं। कल्पनाशीलता बहुत प्रखर होती है। अधिकतर व्यक्ति लेखन और पाठन के शौकीन होते हैं। आपको नीला, सफेद और लाल रंग-रूप से आकर्षित करते हैं।
6. इनके विचारों का प्रभाव घर में देखने को मिलता है। इनका घर बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
7. अपने धन को बहुत सोच-समझकर खर्च करते हैं। इनके ऐसे मित्र बहुत कम होते हैं, जिनसे ये अपने दिल की सभी बातें कह सकते हैं। ये विश्वासघात बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।
8. मीन राशि के लड़के भावुक होते हैं। अपनी बात कहने से पहले दो बार सोचते हैं। आप जिंदगी के प्रति काफी लचीला दृटिकोण रखते हैं।
9. अपने कार्य क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए परिश्रम करते हैं। इनको बुद्धिमान और हंसमुख लोग पसंद हैं।
10. बहुत संकोचपूर्वक ही किसी से अपनी बात कह पाते हैं। एक कोमल स्वभाव के व्यक्ति हैं। पत्नी के रूप में गृहणी को ही पसंद करते हैं।
11. ये खुद घरेलू कार्यों में दखलंदाजी नहीं करते हैं, न ही आप अपनी व्यावसायिक कार्य में उसका दखल पसंद करते हैं। अन्य राशियों की अपेक्षा इनका वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।
12. मीन राशि की लड़कियां भावुक व चमकदार आंखों वाली होती हैं। ये आसानी से किसी से मित्रता नहीं करती हैं, लेकिन एक बार जिसकी बातों पर विश्वास हो जाए तो अपने दिल की हर बात उससे कह देती हैं।
13. ये स्वभाव से कला प्रेमी होती हैं। एक बुद्धिमान व सभ्य व्यक्ति आकर्षित करता है। शांतिपूर्वक उसकी बात सुन सकती हैं और आसानी से अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं करती हैं।
14. अपनी मित्रता और वैवाहिक जीवन में सुरक्षा व दृढ़ता रखना पसंद करती हैं। ये अपने पति के प्रति विश्वसनीय होती है और वैसा ही व्यवहार अपने पति से चाहती हैं।
15. आपको ज्योतिष आदि में रुचि हो सकती है। आपको नई-नई चीजें सीखने का शौक होता है।