Sunday, May 22, 2011

तुझे देखकर मैं पागल हो जाता हूँ

तुझे देखकर मैं पागल हो जाता हूँ
तुझे देखकर मैं घायल हो जाता हूँ
पर कहू मैं किससे कायल हो जाता हूँ
तुझे देखकर मैं पागल हो जाता हूँ
वो नज़रो का चंचल वो बालो का कंपन
वो पैरो का छन छन घायल हो जाता हूँ
तुझे देखकर मैं पागल हो जाता हूँ
वो काली घटाए गिराए उठाये
वो  चंचल सी नज़रे गिराए शर्माए
उसे देखकर मैं घायल हो जाता हूँ
तुझे देखकर मैं पागल हो जाता हूँ
वो माथे की बिंदिया वो होंठो की लाली
ये चढ़ती ज़वानी की पल पल कहानी
उसे देखकर मैं घायल हो जाता हूँ
तुझे देखकर मैं पागल हो जाता हूँ
अब दिनों में सपना भी रातो में सपना
सपनो में सपना कायल हो जाता हूँ
उसे देखकर मैं घायल हो जाता हूँ
तुझे देखकर मैं पागल हो जाता हूँ

भारत माँ के वीर जवानों

भारत माँ के वीर जवानों
अपने पथ पे चला करो 
नहीं हटना तुम कभी 
चाहे तुम पर आंच भी आये 
रास्ते में तूफान भी आये 
तुमने उसको शांत किया हैं 
विश्व बंधुत्व का हाथ बढाकर 
तुमने जन कल्याण किया हैं 
 भारत माँ के वीर जवानों 
तुम्हारी सदा जयकार हो 
जय हिंद जय हिंद जय हिंद

Saturday, May 21, 2011

अगर प्यार हैं सच्चा तेरा आएगी बाहें फैलाकर

सुबह की सुईया चढ़ रही थी
मैं था एकदम ब्याकुल
सोच रहा था अपने सोच को
सुनहले मन के आँगन में
काश हो जाय यह सच सपना मेरा
दिल तो पागल हैं मेरा यारा
ऐसे में मैं क्या देखता हूँ
आँखों को यकीं नहीं होता
खुली की खुली राह जाती आँखे
सच होता यह सपना मेरा
ख़ुशी से था मैं पागल आवारा
तभी बिच में रुकावट आई
हम दोनों को हुयी खिचाई
हमने थोड़ी आँख चुरायी
उसने थोड़ी शर्म दिखाई
उसके बाद अब हाल हुआ बुरा
मन ने दिल को बहुत समझाया
प्यार करो उससे ही उतना
जितने सागर में पानी हैं उतना
अगर प्यार हैं सच्चा तेरा
आएगी बाहें फैलाकर

कब से राह देखता रहता हूँ

आँखे झुकी न मैं झुका /
                 झुक गया संसार //
प्रियतम तेरी याद में /
                  लुट गया संसार //
प्रियतम हैं अब तेरी बारी /
             मतवाली निगाहों की //
क्षणिक भर दिखला दे अपनी /
           चंचल अदा फिदाओ की //
मैं तो प्यासा हु आँखों का /
          कब से राह देखता रहता हूँ //
नित्य गगन को छूकर भी /
            तुमसे दूर दूर रहता हूँ //
पता नहीं यह चाह हैं कैसी /
              आती कैसे जाएगी कब //
ललक तेरी रहती हैं मुझको /
                   मैं तुमको पाउँगा कब //
सोचे सोचे याद आती हो /
                जाती नहीं कभी भी //
दिल का दरिया सुख जाता हैं /
                आती नहीं कभी भी //
मत तडपाओ इतना मुझको /
           मैं तो तेरा प्रेम पुजारी //
प्रेमी से क्या रुठते हैं /
            यह पूजा हैं मेरी बारी //

Friday, May 20, 2011

तेरी यादो के सफ़र में

तेरी यादो के सफ़र में /
       अब ज़िन्दगी गुजारनी हैं मुझे //
तेरी बाहों के भवर में /
                        अब सोना हैं मुझे //
तेरी काली नयन से /
                   वो तिरछी से नज़रे //
वो होठों का खिलना /
              तेरी यादो के सफ़र में //
अच्छा किया तुमने /
        मेनका बनकर लुट लिया //
दिल मेरा तोड़कर/
          तुमे मुझे मजबूर किया //
काश मैं छलिया होता तो /
                    मैं कभी न लुटता //
लुट  लिया तो  तुमने ऐसा /
         ज़िन्दगी मैं बचा ना  कुछ //
अब क्या बताऊ तुझे /
           दिल के हाथो मजबूर हूँ  //
तेरी यादो के सफ़र में /
          ज़िन्दगी गुजारनी हैं मुझे //

 

जो मैं नहीं था

गैरो ने मुझे जोड़ दिया /
                    अपनो ने मुझे छोड़ दिया //
जो मैं नहीं था /
            उसने मुझे वो करके छोड़ दिया //

Wednesday, May 4, 2011

आते हैं मुस्कान लेकर चल देते हैं जान लेकर

मैं सोचने पर मजबूर हो जाता हूँ /
नींद नहीं आती हैं मैं खो जाता हूँ //

तब मैं कुछ लिखने की सोचता हूँ /
क्या लिखू उनको सोच के मैं खोता हूँ//

आजकल के लड़के बन बैठे हैं/
शरीफ लड़की को देखते नहीं रहते हैं करीब //

लड़की के भोली सूरत में रूप हैं मासूम सा/
मासूम का छाया नहीं रूप हैं कुरूप का //

आजकल के लडकिया उम्र अभी बारह हैं /
बारह अभी क्या हुआ बाईस से भी ग्यारह हैं //

ऐसे वो अंदाज़ हम कभी न देखे थे /
सोचते थे भोली भाली उम्र की निगाहों से //

हर लड़की हर लडको की प्रेम पास में बंद हैं /
पढाई की तो मारो गोली गले में नज़र बंद हैं //

हाथो में किताब लेकर चहरे पे मुस्कान लेकर /
शान कर अब ठान चल देती पहचान कर //

देखती हैं राह उनको हाथो में किताब लेकर
 आते हैं मुस्कान लेकर चल देते हैं जान लेकर

Tuesday, May 3, 2011

मेरे गम की तन्हाईयो में

अब ग़म से दिल लगा लिया
                                   अब भी क्या कहती हो
तुम तो खुश होगी मगर
                                    सोचती तो रहती हो
मैंने तेरे प्यार में
                              न जाने क्या क्या किया
अच्छा सिला दिया तुमने
                                वफ़ा से बेवफा बनकर
क्या सोचा हैं तुमने मुझे
                                  पत्थर का खिलौना हूँ
जाब चाह खेल लिया
                              जाब चाह छोड़ दिया
पर मैं तो तेरी परछाई हूँ
                           एहसास दिलाता रहूँगा
क्या हुआ मुझे गम भी हैं
                  अब गम से दिल लगा लिया
पर मैं तो इतना चाहता हु
                        मेरे गम की तन्हाईयो में

तुम बिन

ये भींगी सी पलके
             ये बीते हुए रात दिन ,
रहता हु तेरे याद में
               खोये खोये रात दिन ,
अब क्या बताऊ,तुम बिन
               अब छीन गयी मेरी नींद,
नींद में शमा गयी हो
                  क्या करे तुम बिन,
तुम बिन मुझे चैन कहा
                   बैचैन करती रात दिन,
खोया रहता हु तेरे यादो में
                           हम तो तुम बिन,
तुम बिन से तो दुनिया सारी
                         अब बन गयी अधूरी,
मेरी दुनिया खो गयी हैं
                      अब आ जाओ ज़रूरी,
अब तो मैं न रह सकूँगा
                       चोट लगी हैं भारी,
आ जाओ अब बाहों में
                          मैं तुम हैं प्यारी,