Thursday, June 30, 2011

दुरी तो तुमसे हैं उतनी

दुरी तो तुमसे हैं उतनी
                         कहने की मज़बूरी हैं
कहने में कुछ छुप जाती हैं
                          कहने की ही देरी हैं

आज भी याद हैं मुझे

आज देखता हूँ याद आती
तुम वही हो याद आती
तुम्हारी  जुल्फे
आज भी याद हैं
नैनो से बरस रहा सावन
आज भी याद हैं
तुमने ऐसा क्यों किया
दीवाना मुझे बनाकर
कातिल निगाहों का जादू
आज भी याद हैं
कल देखता था तुझको
प्यार भरी निगाहों से
आज हट जाती हैं नज़रे
आज भी याद हैं मुझे
देखता था तुझको
इकरार कर नहीं पता
वो इकरार तो दिखाओ
आज भी याद हैं मुझे
मैं जनता था तुम भी
प्यार करती हो मुझे
मैं कह नहीं पाया था
आज भी याद हैं मुझे
बात तो निकाला तुमने
पहले प्यार की अंकुर से
अंकुर तो फुट गया मगर 
बीज सुख गया पहले
ऐसे थे वो प्यार की लम्हे
सोचता हु आज भी
कभी न करना प्यार ऐसे
आज भी याद हैं मुझे

Saturday, June 25, 2011

पूछती हो हुआ क्या

दिल के ज़ख़्मी करके तुमने
                     पूछती हो हुआ क्या
ऐसे दिए ज़ख्म तुमने
                    आह तक न हुआ था

मुझे पाकर जानू मेरी मुस्कुरायी

एक लड़की हैं भोली सलोनी अकेली
वो परिओ की रानी हैं बिलकुल हैं भोली
उसके भोली सूरत का मैं बन बैठा दीवाना
मैं था दीवाना एक पागल आवारा
वो छुप छुप के देखना वो सज़ना सवारना
मेरी यादो के लेकर वो करवट बदलना
जाब मेरे सामने वो आ जाये
मुझे देखकर वो सपनों में खो जाये
काश यही होता ये राज कुमार मेरा
वो सपनो की दुनिया में मैं था तुम्हारा
वो सपनों का टूटना दो दिलो का जुटना
खुशियों तो बिखरा दी दो दिलो का मिलना
मुझे पाकर जानू मेरी मुस्कुरायी
खुशिया के सागर में प्रेम लहराई
 

Tuesday, June 21, 2011

"तुमने ऐसे ज़ख्म दिए हैं"

"दिल में एक लगन थी तेरी
अब मैं क्या बतलाऊ
तुमने ऐसे ज़ख्म दिए हैं
अब दिल को क्या समझाऊ "

तुझे देख कर मैं अब मैं चाँद भूल गया हूँ

तुझे देख कर मैं अब मैं चाँद भूल गया हूँ
तेरी रोशनी से अब मैं खिल ही गया हूँ
चाँद की रोशनी को अब मैं भूल ही गया हूँ
तेरी रोशनी से अब मैं खिल ही गया हूँ
अब मैं तेरी चाहतो का दीवाना बन गया हूँ
तेरी रोशनी से अब मैं खिल ही गया हूँ
ये तेरी आँखों का जादू तेरी काजल नशीली
तेरी होंठ अब मदहोश करे चाँद भूल गया हूँ
तेरी काले घने बालो में चाँद छुप जाता हैं
तेरी पायल के छनछन से मैं साज़ भूल गया हूँ
तुझे देख कर मैं चाँद भूल गया हूँ

"हाथ लगा के देख लो मैं भी तो ज़वान हूँ "

वो ज़माना क्या हुआ ज़ब हम कभी ज़वान थे
सारी दुनिया मेरे पीछे हसीनो के हम शान थे
ज़ब चल देते सड़क पर ऐसे वो आशिकाना मिजाज़ में
घुर घुर के देखते लोग ऐसा न देखा हो ख्वाब में
आँखों तो खुली की खुली ना मुह में आवाज़ हैं
कितनो तो चले गए ऐसे श्वाश रोक अंदाज़ में
क्या कहू अब कहू हाय रे वो दिन तारीख
लौट सको तो लौट आओ वो मेरी समय प्यारी
ऐसे थे अंदाज़ हमारी सोचता हूँ आज भी
आज कैसा हो गया हु कल जो एक राज़ थी
क्या हुआ आज भी मैं भी तो ज़वान हूँ
आज तो मैं नब्बे हूँ फिर भी अठारह के शान हूँ
नब्बे हुआ तो क्या हुआ अठारह जैसे ज़वान हूँ
हाथ लगा के देख लो मैं भी तो ज़वान हूँ