Monday, April 18, 2011

दीवानी खड़ी हैं

मेरे सामने सच की कहानी पड़ी हैं /
          वो लड़की नहीं हैं दीवानी खड़ी हैं //
वो चंचल अदाए बनाये बिगाड़े /
    वो आंखे की जादू मेरे दिल पे चलाये //
कभी मुस्कराए कभी शर्माए /
 कभी अपना गुस्सा ज़ाहिर कर दिखाए //
वह लड़की नहीं हैं वह परियो की रानी हैं /
 वह रानी नहीं हैं वह दिल की दीवानी हैं //
होंठ मुस्कराए कमर को हिलाए /
     एक को छोड़ बाकी  सब को गिराए //
उसके दीवाने सब बने वो बने हमारे /
  हम किसी के बन गए कैसे हो तुम्हारे //
अब पछताए क्या होत हैं ढूंढ़ लो किसी को /
हम न मिले तो क्या हुआ कर लो Love किसी को //

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