Thursday, May 14, 2015

बिहारी मेधावी होते हैं इसमें कोई दो राय नहीं । फिर भी बिहार की दुर्दशा क्यों ?

किसी ज़माने में एक दीना नाथ मिश्र हुआ करते थे । पत्रकार थे । दैनिक
जागरण अखबार में लेख छापते थे और एक फीचर भी ......... खबरम्
......इस नाम से ।
बाद में भाजपा से राज्य सभा सांसद भी हो गए थे । उन ने एक बार
एक लेख लिखा था ।
हमारे ये IIM और IITs अक्सर दम भरते हैं कि हमारा लड़का इतने करोड़
के पैकेज पे उठा लिया फलानी कंपनी ने ........ जनाब 20 लाख लड़के
फ़ार्म भरते हैं IIT और IIM के लिए .......वो जो अपने को तुर्रम ख़ाँ
समझते हैं । उनमे से 8 - 10 हज़ार को तुम छाँट लेते हो । उन 10 हज़ार
में से 10 - 20 कहीं मोटा package ले के किसी कंपनी के नौकर हो
जाते हैं । 20 लाख सबसे मेधावी लड़कों में से 20 आला दर्जे के नौकर
बनाये तुमने ........भाई वाह ।
उधर किसी ज़माने में एक अनपढ़ लड़का हुआ बेल्लारी नामक एक
अनजान कसबे नुमा शहर । अनपढ़ अंगूठा टेक ....... न कोई हुनर न पूँजी
अ कोई भारी भरकम डिग्री ......... उसने अपने शहर में 4 मशीनें लगा
के jeans की पैंट सिलना शुरू किया ....... और उसकी मेहनत लगन और
entrepreneurship का नतीजा है कि आज वही बेल्लारी
readymade garments की manufacturing का बहुत बड़ा hub है ।
हज़ारों करोड़ का धंदा होता है वहाँ और लाखों लोग प्रत्यक्ष और
परोक्ष रूप से रोज़गार पाते हैं ।
इसी प्रकार उन्होंने दक्षिण भारत के ही एक कसबे का ज़िक्र किया
जहां एक अनपढ़ ड्राईवर ने अपनी transport कंपनी खड़ी कर दी और
उसकी देखा देखी हज़ारों लोगों ने transport का धंदा मचा दिया
( comment box में उस कसबे का नाम बता देगा कोई मित्र )
उसी प्रकार पंजाब का एक किसान canada से harvester देख के
आया और उसने यहां मोगा में agricultural implements की
इंडस्ट्री शुरू कर दी और उसका नतीजा ये है कि आज पूरा मोगा एक से
एक नए किस्म के कृषि के implements बनाता है ........छोटे और
मझोले किसानों के लिए ........बेहद सस्ते और स्थानीय ज़रूरतों के
हिसाब से .......... उस एक अनपढ़ किसान की entrepreneurship ने
आज पूरे पंजाब और देश की पूरी कृषि ही बदल दी और बहुत विशाल
इंडस्ट्री खड़ी कर दी जिसमे आज लाखों लोग रोज़गार पाते हैं ।
एक तरफ हमारे ये कम पढ़े लिखे पर उद्यमी लोग हैं जिन्होंने अपने दम पे
इतनी बड़ी बड़ी इंडस्ट्री खड़ी कर दी और लाखो लोगों का जीवन
संवार दिया .........ऊपर से हमारे ये premier institutions हैं जो
हमारे सबसे मेधावी लड़कों को धका धक् नौकर बना रहे हैं । वैसे इन्ही
institutions से ये खबर भी सुनने को मिल जाती है की फलाने लड़के ने
बहुत मोटे package की नौकरी छोड़ entrepreneur अर्थात उद्यमी
बनने का फैसला किया .........
मुझे ऐसा लगता है की आज UP बिहार को 1000 - 500 IAS लड़कों
की ज़रूरत नहीं है बल्कि entrepreneurs की ज़रूरत है ..........कल्पन
ा कीजिये की पिछले 70 सालों में UP बिहार में हर साल 1000 उद्यमी
पैदा हुए होते जो इंडस्ट्री में और agriculture में उद्यम करते .........
small और medium scale industries लगाते तो आज इन दोनों
प्रदेशो की ये दुर्दशा नहीं होती ........
गुजरात राजस्थान ( मारवाड़ी ) और पंजाब ने बेशक बहुत से IAS पैदा
नहीं किये पर वहाँ के मेहनती लोगों ने जो उद्योग खड़े किये उन्ही
उद्योगों ने इन प्रदेशों की इकॉनमी को build किया है ।
ऐ बिहारियों .......बहुत दिन कर ली नौकरी दूसरों की ........
अब उद्यमी बनो .......... और दूसरों को नौकरी पे रखो ......
अपनी मेधा का प्रयोग entrepreneurship में करो ........

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