अब ग़म से दिल लगा लिया
अब भी क्या कहती हो
तुम तो खुश होगी मगर
सोचती तो रहती हो
मैंने तेरे प्यार में
न जाने क्या क्या किया
अच्छा सिला दिया तुमने
वफ़ा से बेवफा बनकर
क्या सोचा हैं तुमने मुझे
पत्थर का खिलौना हूँ
जाब चाह खेल लिया
जाब चाह छोड़ दिया
पर मैं तो तेरी परछाई हूँ
एहसास दिलाता रहूँगा
क्या हुआ मुझे गम भी हैं
अब गम से दिल लगा लिया
पर मैं तो इतना चाहता हु
मेरे गम की तन्हाईयो में
अब भी क्या कहती हो
तुम तो खुश होगी मगर
सोचती तो रहती हो
मैंने तेरे प्यार में
न जाने क्या क्या किया
अच्छा सिला दिया तुमने
वफ़ा से बेवफा बनकर
क्या सोचा हैं तुमने मुझे
पत्थर का खिलौना हूँ
जाब चाह खेल लिया
जाब चाह छोड़ दिया
पर मैं तो तेरी परछाई हूँ
एहसास दिलाता रहूँगा
क्या हुआ मुझे गम भी हैं
अब गम से दिल लगा लिया
पर मैं तो इतना चाहता हु
मेरे गम की तन्हाईयो में
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