एक परीक्षा हुआ नहीं
दूसरा गया टल //
तभी मुझे एक बात सूझी
सोचकर रह गया दंग //
टला परीक्षा सबकी
विद्यार्थी सोया खूब //
नींद खुली तो पता चला
विद्यार्थी रोया खूब //
आज को उसने कल बनाया
बनाया कल को परसों //
इसी सोच में पड़ा रहा
की आएगा वह तरसो //
इसी खास अंदाज़ पर
मैंने दी मुस्कराय //
वह आग बबूला हो गया
कहने लगा दुराचार //
ऐसे विद्यार्थी आज के
ये हैं सवर्नम भविष्य //
भविष्य में इनको क्या मिलेगा
सोचो अब अजीत............
दूसरा गया टल //
तभी मुझे एक बात सूझी
सोचकर रह गया दंग //
टला परीक्षा सबकी
विद्यार्थी सोया खूब //
नींद खुली तो पता चला
विद्यार्थी रोया खूब //
आज को उसने कल बनाया
बनाया कल को परसों //
इसी सोच में पड़ा रहा
की आएगा वह तरसो //
इसी खास अंदाज़ पर
मैंने दी मुस्कराय //
वह आग बबूला हो गया
कहने लगा दुराचार //
ऐसे विद्यार्थी आज के
ये हैं सवर्नम भविष्य //
भविष्य में इनको क्या मिलेगा
सोचो अब अजीत............
AAP TO KVI NIKLE ........SAVI POEM KAFI ACHE H
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