हमें कभी ना ग़म था अब बन गया फ़साना /
खुशिया तो साथ छोड़ दी हैं मैं बना बेगाना //
हम कभी मिले थे हम और तुम की रहो में /
यादे तो अब रह गयी हैं लम्हों अब निगाहों में //
क्या बताऊ तुमको ये ग़म का फ़साना /
ग़म से खुशिया लुट गयी हैं मैं बना बेगाना //
हम और तुम एक साथ हैं दिल जिगर की यादो में /
यादे ही रह गयी हैं हम और तुम की वादों में //
यादो की तलाश में मैं गम को गया भूल /
सोचा था हम और तुम मिले खिलेंगे नए फूल //
मेरे जो अरमान थे वे बन गए तुम्हारे /
तुमने मुझे भुला दिया सारे अरमान हमारे //
आज के तन्हाईयो में हम हैं तुम्हारे /
हम और तुम ये दूरिया बन गए हमारे //
खुशिया तो साथ छोड़ दी हैं मैं बना बेगाना //
हम कभी मिले थे हम और तुम की रहो में /
यादे तो अब रह गयी हैं लम्हों अब निगाहों में //
क्या बताऊ तुमको ये ग़म का फ़साना /
ग़म से खुशिया लुट गयी हैं मैं बना बेगाना //
हम और तुम एक साथ हैं दिल जिगर की यादो में /
यादे ही रह गयी हैं हम और तुम की वादों में //
यादो की तलाश में मैं गम को गया भूल /
सोचा था हम और तुम मिले खिलेंगे नए फूल //
मेरे जो अरमान थे वे बन गए तुम्हारे /
तुमने मुझे भुला दिया सारे अरमान हमारे //
आज के तन्हाईयो में हम हैं तुम्हारे /
हम और तुम ये दूरिया बन गए हमारे //
No comments:
Post a Comment