Monday, April 11, 2011

एक रात की मुलाकात

एक रात की मुलाकात थी,वो बात बीत गयी /
वह रात की क्या बात थी, जो याद आ गयी //
वह रात  नहीं दिन था,उसको क्या पता था /
उसने किया इशारा,समझा वह मेरे साथ था //
उस रात उसने मुझको,बड़े प्यार से देखा /
थोड़ी देर बाद उसने,जाल मुझपर फेका //
जाल को लेकर मैंने, दिल में संजोया /
फिर देर की क्या बात थी, उसने मुझे बुलाया //
उसके आँखों को पढ़कर, मैं उसकी ओर लपका /
लपकने से वो मेरे, उसने दूसरी ओर लपका //
तभी मैंने मुड़कर, उसके पीछे देखा /
आश्चय चकित रह गया, वह थी एक अनोखा //
अनोखा की क्या बात थी, उसमे बड़ी अजीब /
थोड़ी देर बाद जब मैं, पंहुचा करीब //
उसके करीब पहुचकर, मैं हुआ अजीब /
अजीब की क्या बात थी, वह थी लाज़वाब चीज़ //
मेरे समझ में इस बात की, राज़ आ गयी /
वह राज़ की क्या बात थी, वह चाल चल गयी //
एक रात की मुलाकात थी,वो बात बीत गयी /
वह रात की क्या बात थी, जो याद आ गयी //

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