मेरे बाते करती रहती
पास कभी नहीं आती ,
ऐसी अदा दिखाती मुझको
मैं बन जाऊ साथी ,
मुझको देखे चोरी चुपके
चुपके और निगाहों से ,
मैं जब सामने आ जाऊ तो
बन जाती अनजाने से ,
जब मैं देखू उसको तो
वो मुझे देखती रहे ,
काश अगर ये सच होता
सपनो की यह दुनिया में ,
सच्ची कहानी हैं ये मेरी
सपना जैसी लगती हैं ,
पास कभी नहीं आती ,
ऐसी अदा दिखाती मुझको
मैं बन जाऊ साथी ,
मुझको देखे चोरी चुपके
चुपके और निगाहों से ,
मैं जब सामने आ जाऊ तो
बन जाती अनजाने से ,
जब मैं देखू उसको तो
वो मुझे देखती रहे ,
काश अगर ये सच होता
सपनो की यह दुनिया में ,
सच्ची कहानी हैं ये मेरी
सपना जैसी लगती हैं ,
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