Friday, February 17, 2012

1971 युद्ध की कुछ दुर्लभ तस्वीरें


पश्चिमी पाकिस्तान में इस्लामकोट पर सफल हमले के बाद 10पैरा कमांडो के भारतीय सैनिक लौटते हुए
भारतीय सैनिकों को ढाका की तरफ़ बढ़ने से रोकने के लिए पाकिस्तानी सैनिकों ने हार्डिंज पुल पर अपना ही टैंक ख़राब करके छोड़ दिया
ढाका की ओर बढ़ता हुआ रूस में बना भारतीय टैंक टी-55

पश्चिमी कमान के प्रमुख जनरल कैंडिथ वरिष्ठ सैनिक कमांडरों से मंत्रणा करते हुए.

युद्ध के दौरान मंत्रणा करते हुए तत्कालीन रक्षा मंत्री जगजीवन राम और थलसेनाध्यक्ष जनरल सैम मानेकशॉ.

अपने बंकरों में भारतीय सैनिकों का इंतज़ार करते पाकिस्तानी सैनिक.

भारतीय सैनिकों के सामने हथियार डालने के बाद युद्धबंदी कैंप में पाकिस्तानी सैनिक.

खुलना की ओर बढ़ता हुआ भारतीय टी-55 टैंक. इस लड़ाई में भारतीय सैनिकों को पाकिस्तान के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था.

एक भारतीय जवान की बातों पर मुस्कुराते हुए जनरल सैम मानेकशॉ और लेफ़्टिनेंट जनरल सरताज सिंह. 

जनरल सैम मानेकशॉ 8वीं गोरखा राइफ़ल्स के वीरता पदक विजेता सैनिकों के साथ.
 
 पाकिस्तानी जेलों में नौ महीने रहने के बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेखमुजीबुर्रहमान की ढाका वापसी.
पूर्वी पाकिस्तान में भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करते पाकिस्तानी सेना के अधिकारी.
युद्ध के पहले ही दिन भारतीय वायु सेना ने पूर्वी पाकिस्तान की पूरी वायु सीमा पर नियंत्रण कर लिया था. हमला करने की तैयारी में हंटर विमान.
पाकिस्तान से छीने गए चीन में बने टी-59 टैंक के ऊपर खड़े भारतीय सैनिक.
पाकिस्तान से छीना गया शर्मन टैंक भारतीय सैनिकों के हाथों में. 
 
 
 

No comments:

Post a Comment